बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का बड़ा बयान, कहा-'सौतेले बेटे जैसा हुआ बर्ताव'
"राष्ट्र मंच का हिस्सा बनकर खुली हवा में सांस लेने जैसा अहसास हो रहा है। इसमें शामिल होने के बाद मैं देश की भलाई के लिए अपने विचार स्वतंत्र होकर व्यक्त कर सकता हूं। मैं बता नहीं सकता कि मैं कितना मुक्त महसूस कर रहा हूं। खुली हवा में सांस लेने का मजा
मुम्बई: नरेंद्र मोदी सरकार से संबंधित मुद्दे उठाने वाले एक नए 'गैर राजनीतिक मंच' राष्ट्र मंच के सदस्य वरिष्ठ अभिनेता व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) में उनके साथ सौतेले बेटे जैसा व्यवहार हुआ। उन्हें भाजपा में दबाब महसूस होता था। अब उन्हें मुक्ति का अहसास हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम कुछ बेचैन दिमागों में राष्ट्र मंच की अवधारणा काम कर रही थी। इसे साकार करने के लिए उन्होंने घनश्याम तिवारी और के.सी. सिंह को विशेष धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, "राष्ट्र मंच का हिस्सा बनकर खुली हवा में सांस लेने जैसा अहसास हो रहा है। इसमें शामिल होने के बाद मैं देश की भलाई के लिए अपने विचार स्वतंत्र होकर व्यक्त कर सकता हूं। मैं बता नहीं सकता कि मैं कितना मुक्त महसूस कर रहा हूं। खुली हवा में सांस लेने का मजा ही कुछ और है।"
यह कहने पर कि उनकी मूल पार्टी भाजपा ने उन्हें कभी बोलने से रोका नहीं, उन्होंने कहा, "मेरी मूल पार्टी भाजपा ने मुझे बोलने के अलावा और कोई काम नहीं करने दिया। मुझे यह महसूस होता था कि भाजपा मेरे साथ सौतेले बेटे जैसा व्यवहार कर रही है। सच कहूं तो मैं दबा-दबा महसूस करता था। मेरे आदरणीय यशवंत सिन्हा जी जब मेरे पास यह गैर राजनीतिक मंच का विचार लेकर आए तो मैने तुरंत हां कर दी। आप देखिए हम भाजपा से अलग नहीं हुए हैं। हमने अपनी मूल पार्टी से विद्रोह नहीं किया है। हमने कोई सीमा नहीं तोड़ी है।"
राष्ट्र मंच के उद्देश्य के बारे में पूछने पर शत्रुघ्न ने कहा, "पहले तो मैं आपको बता दूं कि हमारा क्या उद्देश्य नहीं है। राष्ट्र मंच से कोई चुनाव नहीं लड़ा जाएगा। इस अर्थ से यह कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। हमारा उद्देश्य साथ मिलकर सामाजिक व्यवस्था में सुधार लाना है। इसमें हम आर्थिक मुद्दों और गरीबों की जरूरतों के मुद्दे उठाएंगे। किसानों की आत्महत्या, बेरोजगारी, सीमा पर और आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे उठाएंगे। मुझे लगता है कि 'पद्मावत' जैसे अनावश्यक मुद्दों पर ज्यादा ध्यान देने से अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हट जाता है। पद्मावत विवाद बिलकुल निर्थक था।"
इन मुद्दों पर बोलने की अनुमति मिलने के प्रश्न पर उन्होंने कहा, "क्यों, अनुमति क्यों नहीं मिलेगी? क्या देश के सबसे बड़े और मजबूत एक्शन हीरो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुधार और बदलाव नहीं चाहते हैं? उनके हाथ मजबूत करने के लिए हमने इस मंच को शुरू किया है, जैसे जयप्रकाश नारायण और वी.पी. सिंह ने एक पार्टी बनाई थी जिससे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी संबद्ध था। हमारी पार्टी में एक जैसी मानसिकता के लोग हैं और हमारे लक्ष्य हमारे दिल में हैं। पवन वर्मा, दिनेश तिवारी, रेणुका चौधरी, सोम पाल जैसे आशावादी नेता हमारे साथ हैं। इसलिए अपना लक्ष्य पाने के लिए हम आशावादी और सक्षम महसूस करते हैं।"