जम्मू: नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर एक बेहद ही महत्वपूर्ण बयान दिया है। जम्मू में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बीते 28 सालों से कश्मीरी पंडितों को घाटी में वापस लाए जाने को लेकर वादे किए जा रहे हैं, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान में जाना होता, तो वह 1947 में ही ऐसा कर चुका होता। वहीं, फारूक के बेटे और जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके उमर अब्दुल्ला ने भी अनुच्छेद 370 और 35A को हटाए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला।
‘यह बीजेपी का भारत नही है’
फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘यदि जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान में जाना होता, तो वह 1947 में ही ऐसा कर चुका होता। कोई भी इसे रोक नहीं सकता था। लेकिन हमारा देश महात्मा गांधी का भारत है। यह भारतीय जनता पार्टी का भारत नहीं है।’ कश्मीरी पंडितों को वापस घाटी में बसाए जाने की बात पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘28 साल वादे किए गए कि हम कश्मीरी पंडितों को वापिस लेकर आएंगे। 5 साल तो हो गए इनके, ये 5 साल भी चले जाएंगे। कश्मीरी पंडित आज भी इंतजार कर रहा है वो दिन कब आएगा।’
‘हम अपनी ही जमीन पर महफूज नहीं’
उमर अब्दुल्ला ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘उन्होंने (केंद्र सरकार) कहा कि अनुच्छेद 370 और 35A को हटाकर भारतीय प्रशासन से विमुख हुए लोगों को देश की मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा। लेकिन मैं पूरे यकीन के साथ यह कहना चाहूंगा कि इसके चलते ये लोग पहले से भी ज्यादा अलग-थलग हो गए हैं। विकास कहां हो रहा है? एक साल तीन महीने का वक्त इस तरह के प्रॉजेक्ट्स पर काम शुरू करने के लिए काफी होता है। हम हमेशा कहेंगे कि ऐसी गलत धारणा मत पालिए कि अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने से सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। यह जम्मू-कश्मीर के लिए उठाया गया सबसे गलत कदम है। हम अपनी ही जमीन पर महफूज नहीं हैं।’
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