श्रीनगर: गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने मांग की है कि सरकार यदि चाहती है कि लोकतंत्र जीवित रहे तो पीडीपी के उन नेताओं को फौरन रिहा कर दिया जाए, जिन्हें जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव नतीजों की घोषणा से पहले हिरासत में ले लिया गया था। चुनाव नतीजों के बाद गठबंधन की पहली बैठक को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री नईम अख्तर सहित अन्य नेताओं को बगैर किसी कारण के थानों में रखा गया है। अधिकारियों के मुताबिक अख्तर के अलावा, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सरताज मदनी और मंसूर हुसैन उन 20 नेताओं में शामिल थे, जिन्हें डीडीसी चुनाव की मतगणना मंगलवार को शुरू होने से एक दिन पहले एहतियाती हिरासत में ले लिया गया। पीडीपी, सात पार्टियों के गुपकर गठबंधन का हिस्सा है।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘जिन लोगों को (पुलिस) थानों में बेवजह रखा गया है, यदि आप चाहते हैं कि लोकतंत्र जीवित रहे तो, उन्हें फौरन रिहा किया जाए।’’ गठबंधन के प्रवक्ता सज्जाद लोन ने चुनावों के शांतिपूर्ण होने के बावजूद लोगों को हिरासत में लिए जाने की जरूरत के बारे में सवाल किया। उन्होंने कहा, ‘‘क्या तर्क है? चुनाव संपन्न हो गए हैं। पिछले तीन दशकों में यह हमारा सर्वाधिक शांतिपूर्ण चुनाव रहा है। सर्वाधिक अहिंसक, शांतिपूर्ण चुनाव और यह कुछ अच्छी चीजों के साथ समाप्त होना चाहिए था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘और यह एहतियाती हिरासत के साथ समाप्त हुआ, जो पिछले तीन दशकों में शांति के साथ एवं बगैर हिंसा के साथ संपन्न हुआ, उस संदर्भ में यह (एहतियाती हिरासत) पूरी तरह से अनैतिक है।’’ लोन ने कहा, ‘‘हम हिरासत की इस कार्रवाई की अपनी पूरी क्षमता के साथ निंदा करते हैं। और हम बस यह उम्मीद करते हैं कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया (चुनाव) के शानदार तरीके से संपन्न होने के बाद हमें ऐसी मनमानी हिरासतों का सामना नहीं करना पड़े। यह हमारी मांग है। हम आज यहां लोगों के जनादेश के साथ हैं, बहुमत और निर्णायक जनादेश के साथ हैं और हमारा कहना है कि उन लोगों को रिहा किया जाए।’’
बता दें कि गुपकर गठबंधन ने जम्मू कश्मीर के डीडीसी चुनावों में 110 सीटें हासिल की, जबकि 75 सीटों पर जीत और सर्वाधिक मतदान प्रतिशत के साथ बीजेपी इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी। यह पूछे जाने पर कि क्या गुपकर गठबंधन भविष्य में बना रहेगा, अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘बिल्कुल। आपको इस बारे में संदेह क्यों है? हम एकजुट हैं और हम एकजुट बने रहेंगे।’’
श्रीनगर से सांसद अब्दुल्ला ने केंद्र से जम्मू कश्मीर में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा (4जी) बहाल करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री 5जी की बातें कर रहे हैं, तब हमारे पास 4जी भी नहीं है। इसे यथाशीघ्र बहाल किया जाना चाहिए।’’ गौरतलब है कि गंदेरबल और उधमपुर को छोड़ केंद्र शासित प्रदेश के शेष हिस्से में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा पांच अगस्त 2019 से स्थगित है, जब केंद्र ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द कर दिया था।
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