जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से राजनीतिक प्रक्रिया पूरी तरह से ठप है। पिछले साल 5 अगस्त को कश्मीर में हुए बड़े बदलाव के बाद से फारुख अब्दुल्ला समेत सभी बड़े नेता नजर बंद थे। लेकिन इस साल से केंद्र द्वारा कश्मीर में राजनीतिक बहाली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस बीच नेशनल कांन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला भी एक्शन में आ गए हैं। फारुख ने आज पार्टी नेताओं के साथ बैठक की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार फारूक अब्दुल्ला ने आज घाटी में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए अपनी पार्टी के चार नेताओं को बैठक के लिए बुलाया था। धारा 370 के निरस्त होने के बाद यह पहली बैठक थी। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वे यह देखना चाहते थे कि क्या उन्हें इस बैठक को करने की अनुमति दी जाएगी और चूंकि उन्हें अनुमति दी गई थी, इसलिए वे घाटी में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए जल्द ही बैठक बुलाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि घाटी शांतिपूर्ण हो। उन्होंने कहा कि शून्य पर्यटन, पीने के पानी की कमी और कोरोना संकट के कारण लोग की हालत दयनीय हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में हम यह तय करेंगे कि हम स्थिति के बारे में कैसे जानेंगे। फारूक अब्दुल्ला कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर राज्य का विषय नहीं है। एक बार सभी नेता के मुक्त होने पर अपनी भविष्य की रूपरेखा की घोषणा करेंगे।
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