हम मंडी समाप्त नहीं कर रहे बल्कि किसानों को मंडी के चंगुल से मुक्त कर रहे हैं: रविशंकर प्रसाद
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार लोकतंत्र में विश्वास करती है इसलिए किसानों से बात कर रही है, और आगे भी करती रहेगी और उनकी शंकाओं का हल करेगी।
नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार मंडी को समाप्त नहीं कर रही है बल्कि किसानों को मंडी के चंगुल से मुक्त कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार लोकतंत्र में विश्वास करती है इसलिए किसानों से बात कर रही है, और आगे भी करती रहेगी और उनकी शंकाओं का हल करेगी। उन्होंने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में ये बातें कही। रविशंकर प्रसाद ने विरोधी दलों पर भी जमकर निशाना साधा और कहा-' विरोधी दल जो किसानों के कंधे से गोली चला रहे हैं, ये लोकसभा विधानसभा और नगर निगम चुनाव तक हारे हैं, फिर भी विरोध के नाम पर विरोध kj अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए कहीं भी कूद जाते हैं। चाहे वो सीएए हो, चाहे तीन तलाक हो, राफेल हो, शाहीन बाग हो या किसानों का आंदोलन।'
रविशंकर प्रसाद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की चिट्ठी और कांग्रेस के घोषणापत्र पर कहा-' क्या ये सच्चाई नहीं है कि राहुल गांधी ने अपने पिछले लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में लिखा था कि हम मंडी कानून को खत्म कर देंगे? हम किसानों को चंगुल से मुक्त कर देंगे? 2013 में राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्रियों की बैठक में कहा था कि मंडी कानून के दायरे से फसल और सब्जियों को निकाल दीजिए। शरद पवार ने सारे मुख्यमंत्रियों को लिखा था कि मंडी कानून में सुधार करिए वरना वित्तीय सहायता बंद कर देंगे।'
केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा-' हम मंडी समाप्त नहीं कर रहे बल्कि किसानों को मंडी के चंगुल से मुक्त कर रहे हैं। ईनाम पर 21 प्रदेशों की 1000 मंडियां 1.5 करोड़ किसान रजिस्टर्ड हुए और सवा लाख करोड़ का व्यापार हुआ। अभी नवंबर तक 60 हजार करोड़ का धान खरीदा है और उसमें दो तिहाई अकेले पंजाब से खरीदा गया है।'
राहुल गांधी के ट्वीट पर रविशंकर प्रसाद ने कहा- 'जो राहुल गांधी और प्रियंका जी के ट्वीट लिखे जाते हैं यह उनका स्तर है। राहुल गांधी जी मित्र जब आपका मैनिफ्स्टो लिख रहे थे तो किसके दबाव में लिख रहे थे। आप देश को बताएं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी टीम अपना होमवर्क नहीं करती है। वे अपना होमवर्क ठीक से करें।'
रविशंकर प्रसाद ने कहा-' मनमोहन सिंह की सरकार में शरद पवार मंत्री थे, तो वे किसके दबाव में पत्र लिख रहे थे? मनमोहन जी के समय प्लानिंग कमिशन किसके दबाव में सिफारिश कर रहा था, क्या अंबानी और अडानी के दबाव में था?'किसानों की जमीन न बिकेगी न लीज होगी'। 'मंडियां चलेंगी लेकिन किसान के ऊपर मंडी में ही अपनी उपज बेचने का बंधन नहीं है।'
रविशंकर प्रसाद ने कहा- जो मुंबई की जेल मे बंद हैं उनको भी रिहा करो, जिनके ऊपर अर्बन नक्ससल के प्रमाण हैं उनको भी रिहा करो, दिल्ली दंगों के मामले में जिनके ऊपर देश को तोड़ने के आरोप लगे हैं उनको भी रिहा करो, कौन लोग खड़े हो गए इनके पीछे?
उन्होंने कहा-' किसानों के साथ पूरी बात करेंगे, लेकिन किसान की आड़ में अगर देश का टुकड़े-टुकड़े गैंग अपनी राजनीति करने के लिए खड़ा होगा तो यह सरकार सख्त रहेगी। ऐसे लोगों के खिलाफ, भारत की संप्रभुता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं। बातचीत होती है एमएसपी पर, और बातचीत आ जाती है कि जबतक इस कानून को वापस नहीं लोगे तबतक बातचीत नहीं होगी, ये क्या है? ये लोग इतने अधिक हताश हो गए हैं, इन्होंने देश पर 50-55 साल राज किया है वो अपनी राजनीति के लिए कुछ भी करेंगे। यह कौन सी राजनीति चल रही है कि हम पूरा शहर ही घेर लेंगे, अगर इस तरह से हारे हुए लोग शहर और शहर की राजधानी घेरना शुरू कर लें तो फिर कुछ लोग मुंबई कोलकाता पटना चेन्नई घेर लेंगे।
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