नई दिल्ली: ओम प्रकाश रावत ने मंगलवार को नए मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार संभाला। उन्होंने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि सारे तथ्य देखने के बाद और फैक्ट्स वेरीफाई करने के बाद कमीशन ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने का फैसला किया। अगर किसी को शिकायत है तो अदालत में जा सकते हैं। आम आदमी पार्टी के नेता मुख्य चुनाव आयुक्त पर इल्जाम लगा रहे हैं कि बीस विधायकों की सदस्यता रदद करने के मामले में आयोग ने पक्षपात किया है।
इंडिया टीवी संवाददाता आशीष सिंह से खास बातचीत में CEC ने कहा कि वो चाहें तो कोर्ट जा सकते हैं। उस व्यवस्था में उन्हें पूरा विश्वास होता है इसलिए काम करते हैं, इसके बाद भी अगर कोई शिकायत है तो उसके लिए वो जा सकते हैं। ओ पी रावत ने आम आदमी पार्टी के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा गया कि इलेक्शन कमीशन ने जल्दबाजी में फैसला सुनाया और विधायकों को बात रखने का मौका नहीं दिया।
आपा के विधायक बार-बार ये दावा कर रहे हैं कि वो पार्लियामेंट सेक्रेटरी के तौर पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में नहीं थे क्योंकि उन्होंने किसी भी तरह का कोई पैसा नहीं लिया। कोई सैलेरी नहीं ली। इस पर चीफ इलेक्शन कमीशनर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे को लेकर साफ है। सारी बातें, सारे नियम स्पष्ट हैं। मौद्रिक लाभ न हों तो भी ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बनता है।
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