विपक्षी दलों में एकता की संभावना पर कांग्रेस के दिगग्ज नेता ने किया यह बड़ा दावा
कांग्रेस की धुरी के बिना विपक्ष की एकता संभव नहीं होने का दावा करते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि...
नई दिल्ली: कांग्रेस की धुरी के बिना विपक्ष की एकता संभव नहीं होने का दावा करते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि उत्तर प्रदेश उपचुनाव में बीजेपी की उसके मजबूत विकेट पर हार से साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी हराया जा सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने वर्तमान भारतीय राजनीति में तीसरा मोर्चा उभरने की संभावना के बारे में पूछने पर कहा, ‘कांग्रेस के बिना विपक्ष हो ही नहीं सकता। कांग्रेस जहां एक आधार है वहीं दूसरा आधार बीजेपी है। अब ऐसा नहीं हो सकता कि कांग्रेस को हटा कर विपक्ष बनाया जाये।’ उन्होंने माना कि देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस अपने साथ कितने विपक्षी दलों को ला पाती है।
‘राहुल गांधी को अभी अपनी टीम बनानी है’
चव्हाण ने हाल में संपन्न महाधिवेशन में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि इसका साफ संदेश था कि जो काम शिमला सम्मेलन के बाद हो सकता है, वह 2019 में भी हो सकता है। महाधिवेशन में सोनिया ने ध्यान दिलाया था कि पार्टी ने पचमढ़ी में अन्य दलों के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला किया जबकि शिमला सम्मेलन में कांग्रेस ने गठबंधन करने पर सहमति जताई थी। संसद में TDP और YSR कांग्रेस द्वारा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने और विपक्ष की एकजुटता को लेकर कांग्रेस द्वारा अभी तक अग्रणी भूमिका निभाते दिखाई नहीं देने के बारे में पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा, ‘अभी ऐसा लग सकता है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अभी अपनी टीम बनानी है। समय के साथ यह सब भी होगा, कार्यसमिति होगी, कोर टीम होगी, भीतरी टीम होगी। पहले से यह सब था पर राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद यह अस्थायी हो गया जिसे उन्हें स्थायित्व देना होगा। हर राज्य के लिए महासचिव बनेंगे और वे गठबंधन के लिए वहां के दलों से बातचीत करेंगे।
‘अब पता चल गया कि मोदी को भी हराया जा सकता है’
शिवसेना और TDP सहित NDA के कुछ घटक दलों के अपनी सरकार के रवैये के खिलाफ हाल में आए बयानों के बारे में पूछने पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘देखिए, उत्तर प्रदेश उपचुनाव के बाद सब हिल गए हैं। यह स्पष्ट संदेश गया है कि मोदी को उनके ही क्षेत्र में हराया जा सकता है। देखने वाली बात है कि मोदी के लिए गोरखपुर और फूलपुर से ज्यादा कोई मजबूत विकेट नहीं हो सकता। वर्तमान मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री द्वारा खाली की गई सीटें, इससे ज्यादा मजबूत विकेट क्या हो सकता है? उसको यदि मजबूती से हरा दिया गया तो इसका मतलब है कि मोदी को भी हराया जा सकता है। गणित तो पहले ही बता रहा था कि उनके पास केवल 31 प्रतिशत वोट हैं। अब यह बात साबित भी हो गई। अब सवाल यही है कि मोदी अपने गठबंधन को कैसे एकजुट रख पाएंगे और हमें गठबंधन बनाने से क्या रोक पाएंगे?’
‘यूपी चुनाव को लेकर लगाई जा रहीं अटकलें बेबुनियाद’
यूपी चुनावों को लेकर यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी ने जानबूझ कर ढंग से चुनाव नहीं लड़ा ताकि EVM विवाद पर विराम लग सके। इस बारे में पूछने पर चव्हाण ने कहा, ‘मैं इसे नहीं मानता। लोग तो यह भी कहते हैं कि योगी अपने को भावी प्रधानमंत्री की तरह पेश करने लगे थे, इसलिए उन्हें यह सबक सिखाया गया, पर यह सब गलत बात है।’ उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के जीत वाले गठबंधन में कांग्रेस का साथ नहीं होने के बारे में पूछने पर चव्हाण ने कहा कि यह दोनों दल साथ आएंगे, क्या इस बात को पहले कभी सोचा जा सकता था। किंतु दोनों साथ आए और यह एक जीत का फॉर्मूला बन गया। हर राज्य के लिए जीत का अपना अलग फार्मूला होता है। हमारे राज्य महाराष्ट्र में कांग्रेस और NCP का साथ आना जीतने का फार्मूला है। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि विपक्ष में कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जिसकी पूरे देश में उपस्थिति है, भले ही वह कम-ज्यादा हो सकती है।
‘KCR कांग्रेस को कमजोर करेंगे तो BJP को फायदा’
चव्हाण ने माना कि जिस किसी राज्य में तीसरी शक्ति मजबूत है वहां कांग्रेस हाशिए पर चली गई है जैसे तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार या पश्चिम बंगाल। उन्होंने कहा, ‘लेकिन यदि आप पूरे देश को मिला कर देंखेंगे तो हम ही सबसे बड़ा विपक्षी दल हैं। आप अभी ऐसी स्थिति की कल्पना नहीं कर सकते कि कांग्रेस की अनेदखी की जा सकती है या कांग्रेस अप्रासंगिक हो गयी है।’ TRS द्वारा विपक्ष की एकता के प्रयास के पीछे क्या कोई ‘अदृश्य हाथ’ हो सकता है, इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता, पर ऐसा हो भी सकता है। KCR की क्या भूमिका है, कोई नहीं बता सकता। यदि वे कांग्रेस को कमजोर करते हैं तो इससे बीजेपी को ही फायदा मिलेगा।’ कर्नाटक चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी ने सिद्धारमैया को स्पष्ट तौर पर अपना मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित किया है। उनके नेतृत्व में राज्य में चुनाव लड़ेंगे और राहुल गांधी भी अपनी भूमिका निभाएंगे।