नई दिल्ली। सन 1975 में आज के दिन यानि 25 जून को देश में उस समय की इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने आपातकाल लगाने की घोषणा की थी और उसको लेकर आज भी कांग्रेस पार्टी को देश में आपातकाल के लिए कोसा जाता है और इमरजेंसी को आजाद भारत के इतिहास का काला अध्याय बताया जाता है। आपातकाल लगने के 46 वर्ष पूरे होने के मौके पर शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि 1975 में एक परिवार के विरोध में उठने वाले स्वरों को कुचलने के लिए आपातकाल को थोपा गया था। उन्होंने अपने ट्वीट संदेश के जरिए यह बात कही है।
अमित शाह ने अपने ट्विट संदेश में कहा, "एक परिवार के विरोध में उठने वाले स्वरों को कुचलने के लिए थोपा गया आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है। 21 महीनों तक निर्दयी शासन की क्रूर यातनाएं सहते हुए देश के संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले सभी देशवासियों के त्याग व बलिदान को नमन।"
अमित शाह ने अगले ट्वीट संदेश में कहा, "1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अंहकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी। असंख्य सत्याग्रहियों को रातों रात जेल की कालकोठरी में कैदकर प्रेस पर ताले जड़ दिए। नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनकर संसद व न्यायालय को मूकदर्शक बना दिया।"
सिर्फ अमित शाह ही नहीं बल्कि कई और भाजपा नेताओं ने भी आपातकाल के लिए कांग्रेस पार्टी को कोसा है, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, "वर्ष 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस पार्टी ने भारत के महान लोकतंत्र पर कुठाराघात कर देश पर 'आपातकाल' थोपा था। मैं उन सभी पुण्यात्मा सत्याग्रहियों को नमन करता हूँ, जिन्होंने 'आपातकाल' की अमानवीय यातनाओं को सह कर भी देश में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में सहयोग दिया था।"
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