2019 में लोकसभा चुनावों के साथ जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव करा सकता है चुनाव आयोग
जम्मू कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है जबकि अन्य विधानसभाओं और लोकसभा का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।
नई दिल्ली: चुनाव आयोग जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव अगले वर्ष प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के साथ करा सकता है। आयोग में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। आयोग को अगले वर्ष 21 मई से पहले जम्मू कश्मीर में नए विधानसभा चुनाव कराने हैं।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 21 नवम्बर को राज्य विधानसभा भंग कर दी थी। उच्चतम न्यायालय के एक निर्देश का उल्लेख करते हुए सूत्रों ने बताया कि विधानसभा भंग होने के बाद नए चुनाव 6 माह के भीतर कराने होते हैं। जम्मू कश्मीर के लिए यह समय सीमा अगले वर्ष 21 मई है।
सूत्रों ने बताया कि शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया है कि चुनाव आयोग को पहले उपलब्ध अवसर पर चुनाव कराने चाहिए। उन्होंने बताया, ‘‘ऐसी संभावना है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनावों के साथ कराए जा सकते हैं।’’
जम्मू कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है जबकि अन्य विधानसभाओं और लोकसभा का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। इस बीच सरकार के सूत्रों ने बताया कि जब राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए सुरक्षा बल तैनात किए जाते हैं तब चुनाव अधिकारियों के लिए विधानसभा चुनाव एक साथ कराना सुविधाजनक रहेगा।
गौरतलब है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की नेता महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उन्होंने 87 सदस्यीय सदन में कुल 56 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। लेकिन महबूबा के दावा पेश करने के तुरन्त बाद मलिक ने विधानसभा भंग कर दी थी।
दो सदस्यों वाली पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया था। लोन ने भारतीय जनता पार्टी और अन्य पार्टियों के 18 विधायकों के समर्थन से यह दावा पेश किया था। पीडीपी के साथ भाजपा ने अपना गठबंधन समाप्त कर लिया था जिसके बाद राज्य में जून से राज्यपाल शासन लागू था।