तिरुवनंतपुरम/कोच्चि: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य में पुलिस बल को निहित स्वार्थ के लिए सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कुछ लोगों की कथित कोशिश के खिलाफ गुरुवार को चेतावनी दी। इस बीच, सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर भाजपा सहित विभिन्न हिंदू संगठनों ने राज्य की वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ विरोध और तेज करने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री ने राज्य पुलिस की स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग बल में दक्ष अधिकारियों को धर्म और जाति के नाम पर अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं।
विजयन ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारियों मनोज अब्राहम एवं एस श्रीजीत पर हुए साइबर हमले का संभवत: हवाला देते हुए यह कहा। इन अधिकारियों ने भगवान अयप्पा मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के संबंध में शीर्ष अदालत के फैसले को लागू करने के लिए सबरीमला और उसके आस-पास सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली थी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग निहित स्वार्थों के चलते पुलिस बल को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। विजयन ने कहा कि सरकार ऐसे प्रयासों को काफी गंभीरतापूर्वक देख रही है और इस तरह की प्रवृत्ति के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
पुलिस के अनुसार 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जो अब्राहम के खिलाफ साइबर हमले में कथित रूप से शामिल थे। पुलिस ने गुरूवार रात भाजपा नेता बी गोपालकृष्णन को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ हाल ही में एक मामला दर्ज किया गया था। उन पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के दौरान अब्राहम के खिलाफ कथित रूप से अपशब्द बोलने का आरोप है। उनके अलावा, पार्टी के 4 अन्य स्थानीय नेताओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, बाद में इन सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
इस बीच, भाजपा और विभिन्न हिंदू संगठनों ने गुरूवार को राज्य की वाम सरकार के खिलाफ अपना आंदोलन और तेज करने का निर्णय किया। भाजपा ने आरोप लगाया कि माकपा अपनी महिला कार्यकर्ताओं को मंदिर में जाने और सैकड़ों साल पुरानी परंपरा को तोड़ना चाहती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पी एस श्रीधरन पिल्लई ने आरोप लगाया कि प्रदेश में एलडीएफ सरकार सबरीमला मंदिर को नष्ट करने का प्रयास कर रही है।
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