श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि उग्रवाद अभी तक एक बड़ी चुनौती के रूप में मौजूद है इसलिए सरकार को अवास्तविक दुनिया में नहीं रहना चाहिए और ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि सब कुछ ठीक-ठाक है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पंचायत नेताओं को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने पर भी जोर दिया। फारूक अब्दुल्ला ने पंचायती राज संस्थानों को मजबूत बनाने के लिए आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे।
फारूक अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल से पंचायत नेताओं की सुरक्षा को बढ़ाने का अनुरोध किया, जिनके जीवन पर लगातार खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में अभी तक उग्रवाद मौजूद है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "ये पंचायत सदस्य उग्रवादियों के निशाने पर हैं और उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की आवश्यकता है। अवास्तविक दुनिया में मत रहिए और ऐसा मत सोचिए कि सब ठीक-ठाक है। हम अभी तक उग्रवाद का सामना कर रहे हैं और ईश्वर ही जानता है कि भविष्य में क्या होगा।"
उन्होंने देश की विविधता के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "चेन्नई और श्रीनगर में रहने वाले व्यक्ति में कोई समानता नहीं है। केवल एक ही चीज हमें जोड़ती है और वह यह है कि इस देश को बनाने के लिए हम सभी एकजुट हो जाते हैं। भारत एक विविधतापूर्ण राष्ट्र है और यदि हम इसकी विविधता की रक्षा नहीं करते हैं तो यह समृद्ध नहीं हो सकता।"
उन्होंने कहा, "भारत को किसी एक धर्म के आधार पर नहीं चलाया जा सकता। देश को उसके आंतरिक दुश्मनों से भी अधिक खतरा है। हम अपने देश के बाहरी दुश्मनों के बारे में जानते हैं।" उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म में कुछ भी गलत नहीं है और कोई भी धर्म विभिन्न धर्मों के लोगों से नफरत करना नहीं सिखाता है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अब्दुल्ला के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि पंचायत नेताओं की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था की गई है। प्रशासन उन्हें सुरक्षा प्रदान करने को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और उन्हें उनके दायित्वों को निभाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा।"
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