17वीं लोकसभा के पहले दिन PM मोदी ने कहा- विपक्ष नंबरों की चिंता छोड़कर अपना योगदान दे
प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र में विपक्ष की महत्ता को रेखांकित किया और कहा कि विपक्ष को नंबरों की चिंत न करके अपना योगदान देना चाहिए।
नई दिल्ली: नवगठित लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हो गया। आपको बता दें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने शानदार जीत दर्ज की थी। इसी के साथ नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बन गए। आज 17वीं लोकसभा के पहले सत्र से पूर्व उन्होंने एक संक्षिप्त संबोधन दिया। अपने इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र में विपक्ष की महत्ता को रेखांकित किया और कहा कि विपक्ष को नंबरों की चिंत न करके अपना योगदान देना चाहिए।
नंबरों की चिंता छोड़ें विपक्षी दल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर सभी दलों से सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा करते हुए विपक्ष को लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सामर्थ्यवान विपक्ष से लोकतंत्र मजबूत होता है। इसके साथ ही उन्होंने सहयोग की मांग करते हुए कहा कि विपक्षी दलों को नंबरों की चिंता छोड़कर अपना योगदान देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी आवाज और चिंताएं सरकार के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण हैं।
महिला सांसदों पर यह बोले पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा, 'नई लोकसभा के गठन के बाद आज प्रथम सत्र प्रारंभ हो रहा है। अनेक नए साथियों के परिचय का यह अवसर है। भारत के लोकतंत्र की विशेषता ताकत का अनुभव हम हर चुनाव में करते हैं। यह चुनाव इसलिए भी खास है कि आजादी के बाद सबसे ज्यादा महिला प्रतिनिधियों का चुना जाना, सबसे अधिक मतदान जैसे विशेषताओं का चुनाव रहा।’ मोदी ने कहा कि कई दशकों के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब एक सरकार को पूर्ण बहुमत के साथ और पहले से अधिक सीटों के साथ जनता ने सेवा का मौका दिया है।
सांसदों से की सक्रिय भागीदारी की अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सांसदों से सदन में गतिरोध के स्थान पर सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा, 'पिछले 5 साल का अनुभव रहा है जब सदन चला है तो देश हित के निर्णय भी बहुत अच्छे हुए हैं। उन अनुभवों को आधार पर मैं आशा करता हूं कि सभी दल बहुत ही उत्तम प्रकार की चर्चा और जनहित के फैसले और जनआकांक्षाओं की पूर्ति की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। सबका साथ सबका विकास से यात्रा शुरू की जिसमें देश की जनता ने अद्भुत विश्वास भर दिया। सामान्य मानवी की आशा-आकांक्षा का संकल्प लेकर जरूर आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे।'
पीएम ने सक्रिय विपक्ष के महत्व पर दिया जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जावान विपक्ष के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का होना, सक्रिय होना और सामर्थ्यवान होना अनिवार्य शर्त है। उन्होंने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि प्रतिपक्ष के लोग नंबर की चिंता छोड़ दें। हमारे लिए उनका हर शब्द मूल्यवान है, हर भावना मूल्यवान है। जब हम चेयर पर एमपी के रूप में बैठते हैं तो पक्ष-विपक्ष से ज्यादा निष्पक्ष की भावना बहुत महत्वपूर्ण है। मुझे विश्वास है कि निष्पक्ष भाव से जनकल्याण की भावना को ध्यान में रखकर सभी सदस्य इस सदन की गरिमा को ऊंचा उठाने में योगदान करेंगे।’
प्रधानमंत्री ने मीडिया से की यह खास अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए उससे भी एक खास अपील की। उन्होंने कहा, 'कुछ सांसद बहुत अच्छे विचार रखते हैं, लेकिन ज्यादातर वे रचनात्मक होते हैं और इससे टीआरपी का मेल नहीं होता। लेकिन टीआरपी से ऊपर बहुत तर्कवत कोई सदन में सरकार की आलोचना भी करता है तो उससे हमें बल मिलेगा। 5 साल तक इस भावना को पूरा करने में आप भी (प्रेस) सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। अगर सकारात्मकता को बल देंगे तो सकारात्मकता की दिशा में जाने में बल मिलेगा।'