नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी मंत्री परिषद को निर्देश दिया कि वे ऐसे दावें करें जो स्थापित हो सकें और मंत्रालयों में सलाहकारों की भूमिका में अपने रिश्तेदारों को नियुक्त नहीं करें।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोदी ने मीडिया और सार्वजनिक तौर पर गैर जरूरी टिप्पणियों का हवाला दिया और मंत्रियों से स्पष्ट तौर पर कहा कि वे केवल तथ्यों को बताएं या ऐसे दावें करें जो स्थापित हो सकें। प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से यह भी कहा कि वे अपने संबंधित मंत्रालयों में या विभागों में सलाहकारों की भूमिका में अपने रिश्तेदारों को नियुक्त नहीं करें। शासन की ‘गति’ और ‘दिशा’ में सुधार करने के लिए मोदी ने कहा कि कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए।
उन्होंने मंत्रियों से कहा कि उनका संवाद अपने मंत्रालयों के सचिवों जैसे शीर्ष अधिकारियों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। उनका संवाद पदक्रम में अपेक्षाकृत निचले स्तर के अधिकारियों जैसे संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों से भी होना चाहिए ताकि इन अधिकारियों को लगे कि वे भी टीम का हिस्सा हैं। मोदी ने कहा कि मंत्रियों को अधिकारियों को प्रोत्साहित और उत्साहित करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मंत्रियों को सुबह साढ़े नौ बजे तक दफ्तर पहुंच जाना चाहिए और कुछ मंत्रियों को उनके निर्देश पर ध्यान देने की जरूरत है और उन्हें यह करना चाहिए। मोदी ने कहा कि उन्होंने कई बार अपने कैबिनेट सहयोगियों को अनुशासन, समय की पाबंदी और काम करने की प्रतिबद्धता के संदर्भ में नेतृत्व करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि शीर्ष मंत्री वक्त की पाबंदी करेंगे तो इसका सकारात्मक प्रभाव उनके संबंधित मंत्रालयों की रचनात्मकता और दक्षता पर और समूची सरकार के कामकाज पर भी पड़ेगा।
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