प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अकाउंट में कितने पैसे हैं, जान चौंक जाएंगे आप
करीब दो साल पहले एक आरटीआई के जवाब में पीएमओ ने ये जानकारियां साझा की थी। एक और खास बात ये कि प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी ने अब तक एक भी छुट्टी नहीं ली है।
नई दिल्ली: सत्ता की लाल कालीन वो आकर्षण है, जो किसी भी आदमी को अपनी तरफ खींचती है। पैसा, पावर और पॉलिटिक्स का ये कॉकटेल जिसके मुंह लग जाए, उसे ज़मीन से आसमान में पहुंचा देता है। दौलत, शोहरत सब कुछ दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ने लगती है लेकिन जब आप जानेंगे कि 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री और करीब साढ़े चार साल से प्रधानमंत्री के पद पर बैठे नरेंद्र मोदी के पास क्या है, तो आप चौंक जाएंगे। मोदी को जो कुछ तोहफे के तौर पर मिला था, उन्होंने उसे भी नीलाम कर दिया।
देश का प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी करीब 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। मुख्यमंत्री के तौर पर 13 साल के कार्यकाल के दौरान मोदी की 21 लाख रुपये सैलरी जमा हुई। पीएम मोदी ने पूरी रकम गरीब सरकारी कर्मचारियों की बेटियों के पढ़ाई खर्च के लिए दान कर दी थी। 2014 में गुजरात से विदाई लेते वक्त मोदी ने इच्छा जताई थी कि राज्य सरकार एक ट्रस्ट बनाकर खुद उसका संचालन करे। गुजरात सरकार ने उनकी इच्छा के मुताबिक ट्रस्ट का गठन किया। इस ट्रस्ट का नाम 'नमो गुजरात कर्मयोगी कल्याण निधि ट्रस्ट' है। ये ट्रस्ट अब गरीबों के कल्याण के लिए काम करता है।
मोदी के पास अपनी दौलत के नाम पर कुछ पुश्तैनी थाती भर है लेकिन विरोधियों की अपनी सियासत है। पिछले 6 महीने के दौरान राहुल गांधी हर सभा, हर रैली और हर मंच से यही नारा लगाते रहे लेकिन क्या वाकई ऐसा है। हम आपको बताते हैं कि पीएम मोदी के पास कितने पैसे है? मोदी के अकाउंट में कितनी रकम है? पीएम मोदी का खर्च कैसे चलता है?
करीब चार महीने पहले यानी सितंबर 2018 में पीएमओ की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा जारी किया गया था। 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने अपने हलफनामे में संपत्ति का ब्योरा दिया था। उस आधार पर 2014 और 2018 में प्रधानमंत्री की संपत्ति में कितना फर्क आया है, आपको बताते हैं...
2014 में मोदी के पास कैश 29 हजार रुपये थे, सितंबर 2018 में मोदी के पास कैश सिर्फ 48 हजार 944 रुपये थे
2014 में फिक्स डिपोजिट 44,23,383 रुपये था जो सितंबर 2018 में ब्याज़ समेत 1,07,96,288 रुपए का हो गया
2014 में पीएम मोदी के पास 1 लाख 35 हजार की गोल्ड जूलरी थी, वहीं आज 1 लाख 38 हजार रुपये की है। यानी सिर्फ तीन हज़ार की बढ़ोतरी
अगर प्रधानमंत्री के बैंक बैलेंस की बात करें तो गुजरात के गांधीनगर में स्थित SBI की ब्रांच में उनका खाता है जिसमें करीब 11 लाख रुपये जमा हैं। प्रधानमंत्री के पास खुद की न तो कोई बाइक है, ना ही कोई कार है। ये तब है जब मोदी 13 साल तक मुख्यमंत्री और करीब पांच साल से देश के प्रधानमंत्री हैं। मोदी प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग में अकेले रहते हैं। इससे पहले देश में जितने भी प्रधानमंत्री हुए सभी का पूरा परिवार पीएम हाउस में रहा।
खास बात ये है कि पीएम आवास में किचन का खर्च मोदी खुद उठाते हैं। पीएम मोदी ने ऑफिस से कोई स्मार्टफोन नहीं लिया है। हालांकि वे आईफोन यूज करते हैं जो उनका पर्सनल फोन है। पीएम मोदी अपना सोशल मीडिया अकाउंट खुद चलाते हैं। करीब दो साल पहले एक आरटीआई के जवाब में पीएमओ ने ये जानकारियां साझा की थी। एक और खास बात ये कि प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी ने अब तक एक भी छुट्टी नहीं ली है।
देश की बागडोर संभालने के बाद मोदी किसी मशीन की तरह काम करते हैं। लगातार दो-दो दिन रैलियां करने के बाद भी 50-50 घंटे से ज्य़ादा के हवाई दौरे, 2 से 3 घंटे की नींद लेकर भी खुद को तरो ताज़ा रखने की क्षमता। मोदी की इस एनर्जी का ज़माना कायल है और तो और दुश्मन भी पीएम मोदी की वर्किंग स्टाइल का डंका बजाते हैं।
कई नेता हुए जिन्होंने अपनी काबलियत, हुनर और फैसलों से मुल्क के मुस्तकबिल को नई मंजिलों पर पहुंचाया लेकिन ये भी हकीकत है कि वक्त-वक्त पर घोटालों के दाग भी लोकतंत्र के दामन को बेनूर करते रहे। ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि कई नेताओं ने चंद साल की सत्ता में ही अकूत संपति हासिल की लेकिन मोदी के पास आज कुछ नहीं है। प्रधानमंत्री की यही बातें उन्हें दूसरे सियासतदानों से अलग करती हैं। ऐसे दौर में जब वशंवाद की राजनीति हावी हो, पीएम मोदी और उनका परिवार एक मिसाल हैं। मोदी की यही वो ताकत जो उनके विरोधियों की बोलती बंद कर देती है।