वहीं दूसरी ओर ‘पाटीदार अनामत आंदोलन समिति’ के सह संयोजक धार्मिक मालवीया पटेल समुदाय की मांग को जायज बताते हैं। वे कहते हैं कि यह मांग उन लोगों के लिए है जो समाज में पिछड़े हैं और उनके पास सुविधाएं नहीं हैं। वे कहते हैं कि पटेलों में एक ऐसा बड़ा वर्ग है जो मजूरी कर रहा है, उनके पास शिक्षा नहीं है, नौकरियां नहीं है। लिहाजा उनकी यह मांग जायज हैं।
वैसे गुजरात में ये भी सवाल किया जा रहा है कि कहीं पटेलों की लड़ाई ग़लत तो नहीं है?
कई लोगों का मानना है कि यदि पटेलों को आरक्षण मिल भी जाता है तो अन्य समुदाय के बच्चे उनके कारण आरक्षण के लाभ से वंचित रह जाएंगे।
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