चेन्नई: स्टरलाइट मुद्दे का ठीकरा चिर प्रतिद्वंद्वी द्रमुक पर फोड़ने की कोशिश करते हुए सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने आज दावा किया कि मुख्य विपक्षी पार्टी ने 2006-11 तक सत्ता में रहने के दौरान तूतीकोरिन जिले में तांबा संयंत्र के विस्तार के लिए भूमि आवंटित की थी। तूतीकोरिन जिले में तांबा संयंत्र का स्थायी तौर पर बंद किया जाना सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने इसके लिए राज्य की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता द्वारा 2013 में की गई कार्रवाई समेत किये गए प्रयासों को गिनाया।
उन्होंने कहा कि द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने उप मुख्यमंत्री रहने के दौरान उद्योग विभाग के प्रभारी के तौर पर स्टरलाइट के विस्तार के लिये 230 एकड़ जमीन आवंटित की थी। स्टालिन द्वारा मई 2010 में दिए गए भाषण का उल्लेख करते हुए पलानीस्वामी ने कहा कि द्रमुक नेता ने तब कहा था, ‘‘तूतीकोरिन स्थित स्टरलाइट इंडस्ट्रीज ने 1500 करोड़ रुपये का निवेश करके विस्तार किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘स्टालिन ने उद्योग मंत्री रहने के दौरान (स्टरलाइट) के विस्तार के बारे में निवेश का उल्लेख किया था। उन्होंने संयंत्र के विस्तार के लिए 230 एकड़ जमीन भी आवंटित की थी।’’ उन्होंने पूछा, ‘‘उसे देखते हुए किसने संयंत्र का समर्थन किया था।’’
पलानीस्वामी का तमिलनाडु विधानसभा में बयान तब आया जब द्रमुक की सहयोगी विपक्षी कांग्रेस ने स्टरलाइट को बंद करने के लिये सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किए जाने की मांग की। उसने इस कवायद में द्रमुक को भी शामिल करने को कहा। द्रमुक स्टरलाइट मुद्दे पर विधानसभा के मौजूदा सत्र का बहिष्कार कर रही है। वह संयंत्र के खिलाफ तूतीकोरिन में प्रदर्शन रहे लोगों पर गत 22 मई को पुलिस फायरिंग में 13 लोगों के मारे जाने को लेकर सरकार की आलोचना कर रही है।
पलानीस्वामी ने कहा कि वह इस मुद्दे पर तथ्य पेश कर रहे हैं कि ‘‘इस सरकार ने सामने ला दिया है कि किसने स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के समर्थन में काम किया।’’ उन्होंने कहा कि लोग इस सूचना से वाकिफ हैं।
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