पंजाब कांग्रेस में कलह चरम पर, सिद्धू की ताजपोशी रोकी गई तो टूट सकती है पार्टी: सूत्र
पंजाब कांग्रेस में घमासान जारी है। सूत्रों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने से रोका गया तो पार्टी में दो-फाड़ हो सकती है। सिद्धू अपने समर्थक पांच मंत्रियों और दस विधायकों के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग की।
चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस में घमासान जारी है। सूत्रों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने से रोका गया तो पार्टी में दो-फाड़ हो सकती है। सिद्धू अपने समर्थक पांच मंत्रियों और दस विधायकों के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग की जिसमें इस पर चर्चा हुई कि अगर सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने से रोका गया तो सिद्धू और उनके समर्थकों का क्या रुख होगा। ये बैठक पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर हुई है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला कर लिया है लेकिन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह इसका विरोध कर रहे हैं।
वहीं मीडिया में इस मीटिंग की खबर आने के बाद सिद्धू खेमे से जुड़े तमाम विधायक मंत्री और नेता चंडीगढ़ के सेक्टर 39 स्थित कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर से अपनी अपनी गाड़ियों में निकल गए। सूत्रों के मुताबिक अब उनकी मीटिंग किसी अज्ञात जगह पर नए सिरे से की जाएगी। दूसरी तरफ नवजोत सिंह सिद्धू की बैठक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपने मोहाली के सिसवां स्थित फॉर्म हाउस पर अपने करीबी विधायकों, मंत्रियों और सांसदों की आपात बैठक बुलाई है।
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू का पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बनने की संभावना मजबूत होते देख पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शीर्ष नेतृत्व से नाराजगी जतायी है। सूत्रों के अनुसार कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को साफ कह दिया है कि सिद्धू अगर प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो वे उनके नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ेंगे।
हालांकि कांग्रेस पार्टी की तरफ से सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन सूत्रों का कहना है कि सिद्धू ने पंजाब में अपने समर्थकों से कह दिया है कि वे अध्यक्ष बनने जा रहे हैं।
वहीं कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि पंजाब में तमाम बड़े नेता जो कई वर्षों से कांग्रेस पार्टी के साथ हैं, वे भी सिद्धू को अध्यक्ष बनाए जाने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज हो सकते हैं और शीर्ष नेतृत्व अगर उनकी बात नहीं मानता तो पंजाब में पार्टी टूट भी सकती है।
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और विधानसभा चुनाव से पहले अगर सिद्धू की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति होती है तो वह अपने समर्थकों को विधानसभा चुनाव लड़ने का टिकट दिलाने में कामयाब हो सकते हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी सुनील जाखड़ पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं।
सिद्धू ने लंबे समय से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है और कैप्टन सरकार की तरफ से दिया गया ऊर्जा मंत्रालय भी उन्होंने स्वीकार नहीं किया था। सिद्धू ने हाल ही में एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब को लेकर सिद्धू के विजन का हमेशा मान रखा है। ऐसा माना जा रहा था कि सिद्धू ने कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव डालने के लिए वह ट्वीट किया था।
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