नई दिल्ली: बेंगलुरु जेल में एआईएडीएमके नेता वीके शशिकला पर एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया है कि उन्हें जाल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। इसके लिए अधिकारी ने रिश्वत देने की बात भी कही है। आरोपों पर जेल के डीजी सत्य नारायण राव ने भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वो जांच के लिए तैयार हैं। ये भी पढ़ें: भारत और चीन में बढ़ी तल्खियां, जानिए किसके पास है कितनी ताकत
डीआईजी जेल ने सीनियर डीआईजी को चिट्ठी लिखकर इस बारे में जानकारी दी है। हालांकि डीजीपी ने इन आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि जहर के डर से खाना अलग से दिया जाता था, लेकिन कोई अलग से किचन नहीं बनाया गया है।
एक अन्य आरटीआई कार्यकर्ता से मिली जानकारी के मुताबिक एक महीने में शशिकला से 14 मौकों पर 28 लोगों ने बेंगलुरु सेंट्रल जेल में मुलाकात की। आरटीआई कार्यकर्ता नरसिम्हा मूर्ति ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे जेल मैनुएल का उल्लंघन बताया था। इस आरटीआई कर्यकर्ता के विरोध के बाद परपनाग्रहारा यानी बेंगलुरु सेंट्रल जेल प्रशासन ने सफाई दी।
दरअसल कर्नाटक जेल मैनुएल के मुताबिक विचाराधीन कैदी सप्ताह में दो बार अपने वकीलों या जान पहचान और रिश्तेदारों से मिल सकता है जबकि सजा काट रहा कैदी 15 दिन में दो बार ही मिल सकता है।
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