भोपाल: मध्य प्रदेश से कांग्रेस द्वारा राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नामांकन भरने के बाद राजनेताओं की कम होती विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कट्टरवादी सोच के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और वह आगे भी जारी रहेगी, अंतिम सांस तक कांग्रेसी रहूंगा। सिंह ने गुरुवार को विधानसभा पहुंचकर नामांकन भरा और पार्टी हाईकमान के प्रति आभार जताया।
सिंह ने संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोला और कहा, "मेरे लिए विचारधारा के साथ राजनीतिक विश्वसनीयता महत्वपूर्ण है, मैं अपनी बात पर कायम रहता हूं। वर्ष 2003 में ऐलान किया था कि विधानसभा चुनाव हारने पर 10 साल कोई भी पद नहीं लूंगा और उस पर कायम रहा। मेरे लिए राजनीतिक विश्वसनीयता बहुत आवश्यक है, उससे मैं कोई समझौता नहीं कर सकता।"
राज्य के वर्तमान हालात और भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों के सवाल पर सिंह ने कहा, "देश में कानून का राज्य चलेगा या भाजपा के निर्देशों पर राज्यपाल और विधानसभाध्यक्ष काम करेंगे। कांग्रेस के 19 विधायक भाजपा के कब्जे में है, परिवार के लोग बात नहीं कर पा रहे हैं, फोन उनके छीन लिए गए हैं। ये भी अजीब बात है कि, कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे भाजपा के पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह लेकर आते हैं। भाजपा उम्मीद करती है कि यह इस्तीफे मंजूर किए जाएं।"
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सिंह ने कहा, "जब मैं राजनीति में आया तो मेरे सामने जनसंघ भी था मगर मैंने उसे नहीं अपनाया, क्योंकि वह मेरे विचार से मेल नहीं खाता था, इसलिए कांग्रेस में शामिल हुआ।"
देश के वर्तमान हालात का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "अर्थव्यवस्था गड़बड़ाई हुई है, साम्प्रदायिक सद्भाव की गंगा-जमुनी तहजीब को तोड़ा जा रहा है, देश की सामाजिक समरसता को बिगाड़ा जा रहा है। इस समय हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि देश में जिस तरह धर्म के आधार पर नफरत पैदा हो रही है, उसे रोका जाए। कांग्रेस ने हमेशा कट्टरपंथी विचारधारा का विरोध किया है।"
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