नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अब मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। पद से हटते ही अब उनको कोर्ट की तरफ से एक समन जारी किया गया है। फडणवीस द्वारा चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ दो आपराधिक मुकदमों के बारे में सूचनाएं छिपाने के आरोप से जुड़ा मामला है। इसी मामले में समन की तामील हुई है। सदर थाने के एक अधिकारी ने बताया कि यहां फडणवीस के घर पर समन की तामील की गयी।
यह घटनाक्रम ऐसे वक्त हुआ है, जब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन ने सरकार बनायी है। फडणवीस नागपुर से विधायक हैं। मजिस्ट्रेटी अदालत ने एक नवंबर को एक याचिका पर फिर से सुनवाई शुरू की थी, जिसमें भाजपा नेता के खिलाफ कथित तौर पर सूचनाएं छिपाने के लिए आपराधिक कार्रवाई की मांग की गयी थी।
शहर के वकील सतीश उके ने अदालत में एक याचिका दायर कर फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी। बंबई उच्च न्यायालय ने उके की याचिका खारिज करने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था लेकिन, उच्चतम न्यायालय ने एक अक्टूबर को मजिस्ट्रेटी अदालत को उके द्वारा दी गयी याचिका पर सुनवाई के लिए आगे बढ़ने का निर्देश दिया था।
फडणवीस के खिलाफ 1996 और 1998 में जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए थे लेकिन दोनों मामले में आरोप नहीं तय किए गए थे। उके ने आरोप लगाया था कि फडणवीस ने अपने चुनावी हलफनामे में इस सूचना का खुलासा नहीं किया। फडणवीस को अब 4 दिसंबर 2019 को मजिस्ट्रेटी अदालत की कोर्ट नंबर 6 में खुद पहुंच कर जमानत लेना होगा।
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