नई दिल्ली: तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत के बाद सोशल मीडिया से लेकर गली मोहल्लों तक ईवीएम एक बार फिर से चर्चा में आ गई। अपनी हार के लिए अब तक ईवीएम को कोसने वाले अब उस पर बात करने को तैयार नहीं लेकिन राहुल गांधी का शक अभी भी ईवीएम से दूर नहीं हुआ है।
तीन राज्यों में जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ता से लेकर नेता तक जश्न मना रहे थे लेकिन राहुल गांधी एक बार फिर ईवीएम को हरी झंडी नहीं दी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ईवीएम का मुद्दा उनकी पार्टी ने खत्म नहीं किया है।
राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''ईवीएम में एक चिप है जिससे आप चुनाव के नतीजे को मैनिपुलेट कर सकते हैं। ये एक गंभीर मुद्दा है और रहेगा।''
इसके साथ ही भाजपा पर तंज कसते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘हम किसी को देश से मुक्त करने का इरादा नहीं रखते और कांग्रेस ने जैसा प्रदर्शन विधानसभा चुनावों में किया है वैसा ही वह आगामी आम चुनाव के दौरान भी दोहराएगी।’
देश में ईवीएम से पहला चुनाव 1999 में हुआ था लेकिन 2014 में हार के बाद से कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाना शुरू किया। इसके बाद कांग्रेस जब भी हारी उसने ईवीएम पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश की। शायद यही वजह थी कि राहुल इसे सीधे तौर पर हरी झंडी नहीं दे सके।
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