चुनाव शपथ में तोमर ने घोषणा की थी कि उन्होंने 1999 में तिलक मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, बिहार से एलएलबी की डिग्री हासिल की।
लेकिन जल्द ही उनकी डिग्री विवाद का केंद्र बन गई। शपथ ग्रहण समारोह के ठीक एक दिन पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने एक नोटिस जारी कर उनकी डिग्री की प्रमाणिकता पर सवाल खड़ा कर दिया।
इसबीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तोमर का बचाव करते हुए कहा कि वह प्रमाण दे सकते हैं कि तोमर की डिग्री प्रमाणिक है।
आप सरकार एक अध्यादेश जारी करने वाली है जिसके तहत मुख्यमंत्री की आज्ञा के बग़ैर फ़र्ज़ी डिग्री के मामले में मंत्री पर मुक़दमा चलाना संभव नही होगा।
बहरहाल 27 मई 2015 को मामले उस समय नाटकीय मोड़ ले लिया जब विश्वनाथ सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ़ लीगल स्टडी, मुंगेर ने हलफ़नामा दायर कर कहा कि तोमर उनके कॉलेज का छात्र रहा है। कॉलेज के रिकार्ड के मुताबिक़ तोमर ने 1994-95, 1995-96 और 1997-98 के दौरान एलएलबी पार्ट I, II, और III की पड़ाई की थी। कॉलेज ने अपने हलफनामे में तोमर का एडमिशन पंजीकरण नंबर और मार्कशीट भी लगाई।
तोमर इसके पहले कांग्रेस के सदस्य रह चुके हैं। 2013 में वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए और उसी साल तिलक नगर से दिल्ली विधान सभा चुनाव लड़ा। उन्हें 34,161 वोट मिले थे और वे भारतीय जनता पार्टी के नंदकिशोर गर्ग से 2,809 वोटों से हार गए थे।
तोमर ने 2015 में फिर तिलक नगर से चुनाव लड़ा और इस बार उन्होंने गर्ग को 22,311 मतों से हराया।
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