नई दिल्ली: अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक सोमवार को आतंकवाद को फंडिंग करने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के समक्ष पेश हुए। इसके पहले NIA उमर फारूक को 3 बार समन जारी कर चुकी थी। उन्हें हाल ही में तीसरी बार समन भेजा गया था जिसमें उन्हें आश्वस्त किया गया था कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उनकी पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। आपको बता दें कि फारूक ने इसके पहले अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए जांच एजेंसी के सामने पेश होने में असमर्थता जताई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पहले अलगाववादी धड़े के सदस्यों ने कहा था कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस नेता अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन और मौलाना अब्बास अंसारी ने मीरवाइज के पीछे रैली करेंगे और उनके साथ एकजुटता दिखाने के लिए एनआईए के मुख्यालय तक उनके साथ जाएंगे। NIA के समक्ष पेश होने का निर्णय मीरवाइज ने रविवार को हुर्रियत समूह की एक कार्यकारी बैठक के बाद लिया। अलगाववादी नेता ने इससे पहले सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए दो सम्मनों का जवाब देने में असमर्थता जताई थी और NIA से श्रीनगर में उनसे पूछताछ करने का आग्रह किया था।
रविवार को हुई बैठक में ही यह भी तय किया गया था कि मीरवाइज के साथ हुर्रियत के कार्यकारी सदस्य- प्रोफेसर अब्दुल गनी भट, बिलाल गनी लोन और मसरूर अंसारी भी राष्ट्रीय राजधानी जाएंगे। मीरवाइज ने लोगों से शांत रहने और उनके दिल्ली तलब किए जाने पर प्रतिकूल प्रतिक्रिया नहीं देने की अपील की है।
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