नई दिल्ली: गुजरात के नवनिर्वाचित विधायक एवं दलित नेता जिग्नेश मेवाणी के नेतृत्व में आज यहां संसद मार्ग पर ‘युवा हुंकार’ रैली हुई। इस दौरान आयोजन स्थल और आसपास के क्षेत्रों में भारी पुलिस बल की मौजूदगी रही। अधिकारी आखिरी समय तक यही कहते रहे कि मेवाणी और उनके समर्थकों को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं है। लेकिन ऐसा लगता है कि रैली आयोजनकर्ताओं और दिल्ली पुलिस के बीच बाद में समझौता हो गया।
दिल्ली में मेवाणी की रैली में मामूली भीड़ ही जुटी थी, रैली के लिए लगाई गई ज्यादातर कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। महज 200 से 300 समर्थक ही रैली में पहुंचे थे। जबकि जिग्नेश मेवाणी ने दावा किया था कि उनकी रैली में भारी संख्या में लोग शामिल होंगे।
संसद मार्ग पुलिस थाने से कुछ ही मीटर की दूरी पर बने मंच पर जेएनयू के पूर्व एवं वर्तमान छात्र नेता मौजूद थे। इनमें कन्हैया कुमार, शेहला राशिद और उमर खालिद शामिल था।
इसके साथ ही इस मौके पर असम किसान नेता अखिल गोगोई, उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता प्रशांत भूषण के अलावा जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र भी मौजूद थे। रैली का उद्देश्य दलित संगठन भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद की रिहायी की मांग उठाना और शैक्षिक अधिकार, रोजगार, आजीविका और लैंगिक न्याय जैसे मुद्दों पर जोर देना है।
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