नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ दायर 10 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमे का आज निपटारा कर दिया। केजरीवाल द्वारा जेटली से माफी मांग लिये जाने के बाद अदालत ने उक्त फैसला लिया। ‘आम आदमी पार्टी’ के प्रमुख और पांच अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी द्वारा भरी अदालत में जेटली को कथित रूप से ‘‘गाली’’ दिये जाने के बाद केन्द्रीय मंत्री ने दूसरा मुकदमा दायर किया था। न्यायमूर्ति मनमोहन ने जेटली और केजरीवाल द्वारा संयुक्त रूप से दी गयी समझौता अर्जी को स्वीकार कर लिया और ‘आप’ प्रमुख द्वारा केन्द्रीय मंत्री से माफी मांगने, तथा उसकी स्वीकारोक्ति के बाद मुकदमे का निपटारा कर दिया।
अदालत ने दोनों नेताओं के लिखित हलफनामे तथा बयान को स्वीकार किया और समझौता अर्जी के आधार पर मुकदमे का फैसला कर दिया। सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील अनुपम श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि मामला सुलझ गया है और जेटली ने ‘आप’ नेता की माफी स्वीकार कर ली है। जेटली की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नय्यर और माणिक डोगरा ने भी कहा कि दोनों पक्षों ने मामला सुलझा लिया है।
अदालत ने संज्ञान लिया कि समझौता बयान पर दोनों नेताओं तथा उनके वकीलों के हस्ताक्षर हैं, और वकील मानते हैं कि उनके मुवक्किल हलफनामे में किये गये वादों को पूरा करेंगे। उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ जेटली द्वारा केजरीवाल के खिलाफ दायार पहले मानहानि के मुकदमे की समझौता अर्जी पर सुनवाई करेगी।
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