नई दिल्ली: दिल्ली में उन अभिभावकों के लिए ख़ुशख़बरी है जिनके बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं और जिन्होंने फ़ीस बढ़ा रखी है। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 449 प्राइवेट स्कूलों को टेकओवर करने के दिल्ली सरकार के आदेश को मंज़ूरी दे दी है। ये वे स्कूल हैं जिन्होंने अदालत के आदेश के बावजूद फ़ीस मनमाने ढंग से बढ़ाई और फ़ीस वापस करने से मना कर दिया।
ग़ौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 18 अगस्त को नियमों के ख़िलाफ फ़ीस बढ़ाने वाले प्रावेट स्कूल से दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुये बढ़ी हुई फीस अभिभावाकों को वापस करने की अपील की थी। केजरीवाल ने कहा था कि स्कूल अगर अदालत के आदेश का पालन नहीं करते हैं तो सरकार को मजबूरन इन स्कूलों का प्रबंधन और संचालन अपने हाथों में लेना पड़ेगा।
केजरीवाल ने 18 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के नाम पर इन स्कूलों ने स्कूल की फीस बढ़ाई थी जिसे अदालत ने जस्टिस अनिल देव समिति समिति की जांच के आधार पर गलत बताते हुए सरकार से इस दिशा में की गई कार्रवायी का जवाब मांगा था। केजरीवाल ने कहा था कि ‘‘सरकार ने अदालत को बताया कि सरकार अनिल देव समिति की सिफारिशों को स्कूलों से लागू कराएगी और जो स्कूल इसे लागू नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी और जरूरत पड़ने पर ऐसे स्कूलों को टेकओवर भी किया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि शिक्षा को लेकर हमारी दोतरफा नीति है। पहला सरकारी स्कूलों को बेहतर करना और दूसरा निजी स्कूलों में दख़ल न देते हुये उन्हें अनुशासित करना। अगर कोई निजी स्कूल अभिभावकों को लूटता है तो कोई भी जिम्मेदार सरकार चुप नहीं बैठ सकती है जैसा कि अब तक होता आया है। पहले राजनीतिक दखल के कारण इस लूट को बर्दाश्त किया जाता था।
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