नई दिल्ली. भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी आदेश कुमार गुप्ता के लिए कांटों की सेज कही जा रही है। उनकी राह में सबसे बड़ी चुनौती पार्टी को गुटबाजी के चक्रव्यूह से बाहर निकालना है। यही वजह है कि वह इस बीमारी का इलाज ढूंढने में जुट गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष बनते ही आदेश कुमार गुप्ता हर धड़े के वरिष्ठ नेताओं के घर पहुंचकर भेंट-वार्ता शुरू कर चुके हैं। वह नए और पुराने सभी नेताओं को साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दो जून को आदेश कुमार गुप्ता को दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। इसके अगले ही दिन से आदेश कुमार गुप्ता पार्टी मिशन संपर्क में जुट गए। पहले उन्होंने दिल्ली के सभी पूर्व प्रदेश अध्यक्षों के घर जाकर भेंटवार्ता की। तीन जून को उन्होंने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीके मल्होत्रा, प्रो. ओम प्रकाश कोहली, डॉ. हर्षवर्धन, विजय गोयल और विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय से भेंट की थी। वहीं वह निवर्तनमान प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से भी मिलने पहुंचे थे।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इसी तरह से आदेश कुमार गुप्ता प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिलने के शुरुआती दो सप्ताह तक दिल्ली के सभी प्रभावशाली नेताओं से मिलकर उन्हें अपने साथ लाने की कोशिश में जुटे हैं। वह सभी नेताओं के घर-घर जाकर उनसे अपने रिश्ते को अब और मजबूत करने में जुटे हैं। पार्टी के एक नेता ने IANS से कहा, "चूंकि आदेश कुमार गुप्ता पर किसी गुट का ठप्पा नहीं लगा है, ऐसे में उनकी मेहनत से पार्टी में गुटबंदी खत्म हो सकती है। उन्हें सभी नेता भाव भी दे रहे हैं।"
पार्टी सूत्रों ने बताया कि आदेश कुमार गुप्ता का मुख्य फोकस पार्टी के सभी सात सांसद और आठ विधायकों का सहयोग हासिल करने पर है। इसके लिए वह हर सांसद और विधायक के साथ व्यक्तिगत मीटिंग करने की तैयारी में हैं। उनकी कवायद इसलिए भी खास है कि पार्टी के तीन सांसद और दो विधायकों पर गुटबाजी के ज्यादा आरोप लगते हैं। दिल्ली भाजपा के एक और नेता ने आईएएनएस से कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने आदेश कुमार गुप्ता को बहुत भरोसे के साथ प्रदेश की कमान सौंपी है कि वह प्रदेश संगठन से गुटबाजी को निजात दिलाएंगे। ऐसे में वह अपना पूरा ध्यान सबको साथ लेकर चलने पर दे रहे हैं।
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