नई दिल्ली: कलकत्ता हाई कोर्ट के मुहर्रम के दिन ही दुर्गा प्रतिमा विसर्जन कराने वाले फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बेहद सख्त बयान दिया है। ममता बनर्जी ने कहा, 'कोई मेरा गला काट सकता है, लेकिन कोई मुझे यह नहीं बता सकता है कि मुझे क्या करना चाहिए। शांति बनाए रखने के लिए मैं वह करूंगी जो कर सकती हूं।' एएनआई के मुताबिक ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाई कोर्ट के गुरुवार दोपहर आए फैसले के बाद यह टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने ममता सरकार के नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए मुहर्रम वाले दिन दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन पर प्रतिबंध का राज्य सरकार का आदेश खारिज कर दिया है। ये भी पढ़ें: नेपाल में पकड़ी गई बलात्कारी बाबा राम रहीम की लाडली हनीप्रीत?
कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाने से पहले गुरुवार को कहा था कि सरकार लोगों की आस्था में दखल नहीं दे सकती है। मुहर्रम के दिन प्रतिमा विसर्जन पर ममता सरकार की पाबंदी के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। बुधवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस आदेश को लेकर ममता सरकार पर तीखी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि सरकार दो समुदायों के बीच दरार पैदा करना चाहती थी। दरअसल पिछले महीने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक आदेश के बाद सियासी दंगल छिड़ गया था।
वहीं मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाने वाले आलोचकों की निंदा करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह उनके लिए अपमानजनक है। उन्होंने एक दुर्गा पूजा पंडाल के उद्घाटन के मौके पर कहा, जब मैं हिन्दुओं, ईसाइयों या बौद्धों के कार्यक्रमों में जाती हूं तो मुझ पर कोई तुष्टिकरण का आरोप नहीं लगाता। यह आरोप केवल तब लगाया जाता है जब मैं मुस्लिमों के कार्यक्रमों में शामिल होती हूं।
उन्होंने कहा, ये बातें अपमानजनक हैं। मैं सभी धर्मों के लोगों द्वारा आयोजित समारोहों में शामिल होती हूं। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, मेरा हर धर्म में विश्वास है। मुझे गुस्सा तब आता है जब, जिन्हें बंगाल के बारे में कोई समझा नहीं है वे सलाह देते हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों से पूछा, क्या कोई (दुर्गा) मूर्ति विसर्जन शनिवार या (विजय दशमी) एकादशी को करता है।
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