जम्मू: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपनी दो दिवसीय जम्मू यात्रा के दौरान शुक्रवार को सियाचिन हिमनद का दौरा कर सुरक्षा की समीक्षा की। सियाचिन कभी दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र था। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में यहां कहा गया, "रक्षा मंत्री दो दिवसीय आधिकारिक दौरे के तहत यहां पहुंचे हैं। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह भी हैं।"
नूबा में थोईज वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचने के बाद मंत्री का स्वागत उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने किया।
बयान में कहा गया, "इसके बाद मंत्री लेह हवाईअड्डा पहुंचे, जहां 14 कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस नेगी ने इलाके और भारत-चीन सीमा रेखा के आसपास की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी।"
पर्रिकर सियाचिन हिमनद के पास गए, जो दुनिया का सबसे कठिन युद्ध क्षेत्र है। सियाचिन हिमनद के पास मंत्री ने सैनिकों से बातचीत की।
इसके बाद वह श्रीनगर पहुंचे, जहां 15 कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने घुसपैठियों को रोकने और उस क्षेत्र की सैन्य गतिविधियों की मंत्री को जानकारी दी।
श्रीनगर में रक्षा मंत्री राज्य के राज्यपाल एन.एन. वोरा और मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद से भी मिले।
पर्रिकर श्रीनगर में ही रात गुजारेंगे। वह और सेना प्रमुख शनिवार को नगरोटा (जम्मू) के व्हाईट नाईट कॉर्प्स जाएंगे।
पर्रिकर माता वैष्णोदेवी मंदिर भी जाएंगे।
पर्रिकर के नवंबर में रक्षा मंत्री बनने के बाद यह उनकी जम्मू एवं कश्मीर की दूसरी यात्रा है।
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