नई दिल्ली: जिस पैगसस मामले पर विपक्ष ने पूरे मानसून सत्र के दौरान संसद को चलने नहीं दिया है और आरोप लगाया कि सरकार पैगसस के जरिए लोगों के फोन में जासूसी कर रही है उसको लेकर सरकार की तरफ से संसद में बड़ा बयान दिया गया है। रक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा कि मंत्रालय का NSO Group Technologies से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। NSO Group के पास ही जासूसी के सॉफ्टवेयर पैगसस का स्वामित्व है।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार ने एनएसओ ग्रुप टैक्नॉलोजीस के साथ कोई लेन-देन किया था। भट्ट ने इसके जवाब में कहा, ‘‘रक्षा मंत्रालय ने एनएसओ ग्रुप टैक्नॉलोजीस़ के साथ कोई लेन-देन नहीं किया है।’’
बता दें कि इजराइल की निगरानी सॉफ्टवेयर कंपनी एनएसओ समूह पर भारत सहित कई देशों में लोगों के फोन पर नजर रखने के लिए पैगसस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के आरोप लग रहे हैं। पैगसस जासूसी मुद्दे को लेकर संसद के मानसून सत्र में विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होती रही है।
इससे पहले पैगसस जासूसी मामले पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब 12 बजे दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की। इसी बीच विपक्षी सदस्यों का हंगामा आरंभ हो गया और उपसभापति ने कुछ क्षणों के भीतर ही सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
हंगामे के कारण सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल दोनों नहीं हो सके। इससे पहले, सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई सभापति एम वेंकैया नायडू ने भारत छोड़ो आंदोलन की 79वीं वर्षगांठ पर आजादी के आंदोलन के शहीदों को याद किया और पूरे सदन ने उन्हें कुछ क्षणों का मौन रख श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सभापति ने तोक्यो ओलंपिक में भारत के शानदार प्रर्दशन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ओलंपिक खेलों में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
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