अगरतला: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसपर आने वाले दिनों में भारी विवाद देखने को मिल सकता है। पार्टी ने यह बयान त्रिपुरा के मुख्यमंत्री द्वारा राज्य ‘साम्यवाद का खात्मा’ करने संबंधी टिप्पणी के बाद दिया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने बिप्लब पर निशाना साधते हुए कहा कि इतिहास कभी भी ‘इस छोटे हिटलर’ को माफ नहीं करेगा। बता दें कि CPM राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी है और बिप्लब के सत्ता में आने से पहले सूबे में लंबे समय से कम्युनिस्ट शासन था।
‘राज्य में लोकतंत्र को कुचल दिया’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया कि ‘फासीवादी’ नेतृत्व के तहत बीजेपी-आईपीएफटी सरकार ने राज्य में 'लोकतंत्र को कुचल' दिया है। पार्टी ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा, ‘हम एक फासीवादी की बात सुन रहे हैं। वह संवैधानिक पद पर रहते हुए ऐेसे बयान नहीं दे सकते हैं। इतिहास इस छोटे हिटलर को माफ नहीं करेगा।’ सीपीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने बयान से अपने पार्टी काडर को विपक्ष पर हमले करने का इशारा किया है। पार्टी ने कहा कि कम्युनिस्ट ही समाज के दबे-कुचले लोगों को सच्चे मित्र होते हैं, और उन्हें मिटाने की कई नेताओं ने कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे।
क्या कहा था सीएम देब ने?
बता दें कि त्रिपुरा के धलाई जिले में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री देब ने हाल ही में कहा था, ‘आप सुनिश्चित करें कि 2023 तक त्रिपुरा से साम्यवादी विचार और सोच खत्म हो जाए। यह काम आपको सौंपा गया है और मैं चाहता हूं कि आप इसे पूरा करें।’ त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2023 में चुनाव होने हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य सरकार उनके नेताओं और कार्यकताओं की आवाज दबाने के लिए बल प्रयोग कर रही है।
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