संविधान दिवस:70 साल में संविधान में हुए 103 संशोधन, सिर्फ एक को न्यायालय ने बताया असंवैधानिक
भारतीय संविधान आज यानि 26 नवंबर को 70 साल का हो गया है। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान के अंतिम प्रारूप को स्वीकार किया था।
नयी दिल्ली। भारतीय संविधान आज यानि 26 नवंबर को 70 साल का हो गया है। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान के अंतिम प्रारूप को स्वीकार किया था। लेकिन पिछले 70 साल में संविधान में समय के साथ कई बड़े बदलाव हुए हैं। इन्हें संविधान संशोधन कहा जाता है। देश की संसद ने संविधान में 70 साल के दौरान 103 बार संशोधन किए। यहां खासबात यह है कि इसमें केवल एक संशोधन को उच्चतम न्यायालय ने असंवैधानिक घोषित किया। विज्ञप्ति के मुताबिक उच्चतम न्यायालय ने केवल 99वें संविधान संशोधन को असंवैधानिक करार दिया है। यह संशोधन राष्ट्रीय न्यायिक आयोग के गठन के संबंध में था।
पहला और अंतिम संविधान संशोधन सामाजिक न्याय के लिए
राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 के दिन भारत के संविधान को अंगीकृत किया था, जिसे हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल संविधान को अंगीकृत किए जाने की 70वीं वर्षगाठ है। राज्य सभा सचिवालय ने बताया कि पहले संशोधन के तहत ‘राज्यों’ को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों या अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उत्थान के लिए सकारात्मक कदम उठाने का अधिकार दिया गया था। संविधान में किया गया अंतिम 103वां संशोधन 2019 में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को शैक्षणिक संस्थानों और नियुक्तियों में 10 फीसदी आरक्षण देने से संबंधित था।
राज्यसभा में नहीं पेश हुआ था पहला संशोधन
संविधान में पहला संशोधन 1951 में अस्थायी संसद ने पारित किया था। उस समय राज्यसभा नहीं थी। इसके बाद से अब तक 103 संशोधन किए जा चुके हैं। राज्यसभा, जिसका गठन 1952 में हुआ, उसके बाद से उच्च सदन ने 107 संविधान संशोधन विधेयक पारित किए हैं। इनमें से सिर्फ एक विधेयक को लोकसभा ने अमान्य किया, जबकि चार संविधान संशोधन विधेयक निचले सदन के भंग होने की वजह से निष्प्रभावी हो गए। राज्यसभा ने 1990 में पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी विधेयक पारित किया था, जिसे लोकसभा ने अमान्य कर दिया था।
3 संशोधन विधेयक को अमान्य ठहरा चुकी है राज्य सभा
विज्ञप्ति में आगे कहा गया कि लोकसभा ने 106 संविधान संशोधन विधेयक पारित किए हैं, जिसमें से तीन विधेयकों को राज्यसभा ने अमान्य कर दिया था। इनमें 1970 में तत्कालीन देसी रियासतों के पूर्व शासकों के प्रिवी पर्स और विशेषाधिकार को खत्म करने वाला विधेयक तथा 1989 में पंचायतों और नगर निकायों एवं नगर पंचायतों में सीधा चुनाव कराने के लिए लाए गए दो विधेयक शामिल हैं। संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान बनाकर उसे अंगीकार किया था और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया।