कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ऑस्कर फर्नांडिस का निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
ऑस्कर फर्नांडिस की आयु 80 वर्ष थी और इसी साल चोट लगने की वजह से उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था और वे अस्पताल में उपचार करा रहे थे।
बेंगलुरू: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ऑस्कर फर्नांडिस का निधन हो गया है। वो 80 साल के थे।ऑस्कर फर्नांडिस लंबे समय से बीमार चल रहे थे और सोमवार को कर्नाटक के मंगलुरू में अस्पताल उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। ऑस्कर फर्नांडिस की आयु 80 वर्ष थी। अपने घर पर योगाभ्यास करते समय गिर जाने के बाद जुलाई में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मस्तिष्क में बने खून का थक्का हटाने के लिए उनकी सर्जरी भी की गई थी।
ऑस्कर फर्नांडिस पूर्व की मनमोहन सिंह सरकार में सड़क एवं परिवहन मंत्री रह चुके थे और कांग्रेस पार्टी में उन्हें सोनिया गांधी के करीबी के तौर पर देखा जाता था। वे लंबे समय से गांधी परिवार के साथ जुड़े हुए थे और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव का कार्य भी कर चुके थे। फर्नांडीज ने कई अहम मामलों में मध्यस्थता की। पूर्वोत्तर के बागियों से बात करना हो या सरकार और पार्टी के मामले, फर्नांडीज मुश्किल हालातों में कांग्रेस का सहारा बनते थे। वह यूपीए 1 के दौरान केंद्र में मंत्री भी रहे।
ऑस्कर फर्नांडिस के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट करते हुए दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्विट किया, "राज्यसभा सांसद श्री ऑस्कर फर्नांडीस जी के निधन से दुखी हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार और शुभचिंतकों के साथ हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फर्नांडिस के निधन को अपनी व्यक्तिगत क्षति बताते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। राहुल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘यह मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। वह कांग्रेस पार्टी में हममें से कई लोगों के लिए मार्गदर्शक और संरक्षक थे। उनकी कमी महसूस होगी और उनके योगदान के लिए प्यार से याद किया जाएगा।’’ गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले फर्नांडिस अपने पूरे राजनीतिक जीवन में हमेशा पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता बने रहे।
अपने पांच दशक लंबे राजनीतिक जीवन में फर्नांडिस ने लोकसभा में पांच बार उडुपी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और चार बार राज्यसभा के लिए चुने गए। वह पहली बार 1980 में लोकसभा के लिए चुने गए, उसके बाद 1984, 1989, 1991 और 1996 में उसी निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की। वह 1998 से चार बार राज्यसभा सदस्य रहे। फर्नांडिस ने 2006 से 2009 तक केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री के रूप में कार्य किया था और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दूसरे कार्यकाल में एनआरआई मामलों, सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन सहित विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली थी।
फर्नांडिस 1996 में एआईसीसी महासचिव और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के केंद्रीय चुनाव प्राधिकार के अध्यक्ष भी थे। वह अस्सी के दशक के अंत में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष रहे थे। उन्होंने राजीव गांधी के संसदीय सचिव के रूप में भी कार्य किया था। फर्नांडिस का जन्म 27 मार्च 1941 को रोक फर्नांडिस और लियोनिसा फर्नांडिस के घर हुआ था। उन्होंने सेंट सेसिल्स कॉन्वेंट स्कूल, बोर्ड हाई स्कूल और एमजीएम कॉलेज, उडुपी में शिक्षा प्राप्त की। फर्नांडिस ने 1972 में उडुपी नगरपालिका के लिए निर्वाचित होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
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