नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी वस्तु एवं सेवा कर (GST) पर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सहयोग को तैयार है, लेकिन उनकी पार्टी को कुछ बिंदुओं पर आपत्ति है और कांग्रेस कर पर एक सीमा चाहती है।
राहुल ने संसद भवन के बाहर मीडिया से कहा, "हम (कांग्रेस) जीएसटी पर भाजपा के साथ सहयोग को तैयार हैं। लेकिन हमारे कुछ मतभेद हैं। हम कर पर एक सीमा चाहते हैं, और हम नहीं चाहते कि देश के गरीब लोगों पर कर लगाया जाए।"
राहुल ने कहा कि जीएसटी उनकी पार्टी का विधेयक है। राहुल ने यह टिप्पणी तब की जब उनसे पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जीएसटी पर चर्चा के लिए शुक्रवार शाम चाय पर बुलाया है।
इस बीच केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार प्रस्तावित जीएसटी के लिए एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने के मुद्दे पर सहमति बनाना चाहती है। सिन्हा ने सेंटर फॉर डिजिटल फायनेंशियल इनक्लूशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम से अलग संवाददाताओं से कहा, "जीएसटी पर एक प्रतिशत कर को लेकर कई तरह की राय है..राज्यों की इस पर अलग राय है।"
सिन्हा ने कहा, "हमें इस पर एक सहमति बनानी है। वित्तमंत्री ने कहा है कि हम खासतौर से विपक्षी दलों से लगातार चर्चा कर रहे हैं और किसी भी उचित सुझाव पर विचार करेंगे।"
केंद्र सरकार ने अगले वर्ष अप्रैल से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन यह विधेयक फिलहाल संसद में लटका पड़ा है, खासतौर से एक संसदीय समिति द्वारा सुझाए गए कुछ बदलावों पर मंत्रिमंडलीय मंजूरी को लेकर, और राज्यों को होने वाले कर नुकसानों के मुआवजे के रूप में एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने को लेकर।
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