कांग्रेस ने लोकायुक्त के खाली पद को लेकर केजरीवाल सरकार को घेरा
नई दिल्ली: कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की सरकार से दिल्ली में लोकायुक्त की तत्काल नियुक्ति करने की मांग करते हुए यहां प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों के खिलाफ
नई दिल्ली: कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की सरकार से दिल्ली में लोकायुक्त की तत्काल नियुक्ति करने की मांग करते हुए यहां प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भ्रष्टाचार निरोधक संस्था में शिकायत की।
लोकायुक्त का पद नवंबर 2013 से रिक्त है। कांग्रेस ने दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे पर जनमत संग्रह कराने की कथित मांग को लेकर आप की निंदा की और उन्हें सरकार छोड़ने की चुनौती देते हुए कहा कि वह केजरीवाल नीत पार्टी को दिखाएगी कि वर्तमान संवैधानिक ढांचे में रहते हुए प्रशासन कैसे चलाया जाता है।
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अजय माकन ने सवाल किया कि केजरीवाल ने विधायकों का वेतन बढ़ाने और अपने प्रचार अभियान के बजट में बढ़ोत्तरी करने के मुददों पर जनमत संग्रह का प्रस्ताव क्यों नहीं रखा।
माकन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘दुर्भाग्य से दिल्ली में लोकायुक्त का पद नवंबर 2013 से खाली पड़ा है। और दुर्भाग्य से पिछले पांच महीने से उस पार्टी की सरकार है जो जनलोकपाल के बारे में बात करती थी। अब वे (लोकायुक्त और लोकपाल) कहीं दिखाई नहीं दे रहे।’ उन्होंने कहा, ‘विधानसभा के दो सत्र गुजर चुके लेकिन कानून का कोई अता पता नहीं है। वे (आप) 49 दिन में यह कहते हुए भाग गये कि उन्हें जनलोकपाल पारित नहीं करने दिया गया। अब 150 दिन बीत चुके हैं लोकपाल कहां है? लोकायुक्त भी अब तक नियुक्त नहीं हुआ।’
माकन ने सांकेतिक रूप से खाली पड़े पद के सामने सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों के खिलाफ आवेदन दिया। उन्होंने कहा, ‘हमने सांकेतिक रूप से (खाली पद को) आवेदन दिया। केजरीवाल जी, आपने लोकपाल और लोकायुक्त के बारे में बहुत बातें कीं लेकिन वे कहां हैं?’ उन्होंने कहा, ‘हम 25 विधायकों के खिलाफ लोकायुक्त कार्यालय में आवेदन देने जा रहे हैं। हमें आशा है कि लोकायुक्त की जल्द नियुक्ति होगी और जांच कराई जाएगी।’
यह पूछे जाने पर कि केजरीवाल पूर्ण राज्य के दर्जे पर जनमत संग्रह कराने की मांग कर रहे हैं, माकन ने आरोप लगाया कि आप नेता लड़ने के लिए बहाने खोजते रहते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि केजरीवाल को झगड़ा बंद करके दिल्ली की जनता के लिए कुछ करना चाहिए। कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन रैली में भाग लिया। उन्होंने पुतले जलाए और सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ नारेबाजी की।
कुछ प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक तोड़े जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का प्रयोग किया।