नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच हुई हिंसा के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रेस को संबोधित करते हुए इसे एक सोची-समझी साजिश बताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की जनता ने दिल्ली चुनाव के दौरान भी देखा कि बीजेपी के नेताओं ने बयान देकर लोगों को भड़काया। रविवार को भी एक बीजेपी नेता पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया। समय से कार्रवाई नहीं होने की वजह से लोगों की जान गई। दिल्ली के एक हेड कॉन्सटेबल की मौत हुई।
सोनिया गांधी ने गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग की। इस दौरान उन्होंने सवाल किया कि गृहमंत्री बताएं वह रविवार से कहां थे और क्या कर रहे थे, साथ हीं दिल्ली सरकार भी शांति व्यवस्था कायम करने में विफल रहने का आरोप लगााया। इससे पहले कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की एक बैठक हुई जिसमें उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा के बाद के हालात पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। इस बीच, पार्टी ने आज ही दोपहर बाद शांति मार्च निकालने का फैसला किया है जिसमें कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल और कई अन्य नेता शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में मुख्य रूप दिल्ली हिंसा पर चर्चा हुई और जल्द ही एक प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है।
दिल्ली में लगातार बढ़ते हुए सामाजिक तनाव को देखते हुए कांग्रेस के नेता एवं कार्यकर्ता दोपहर बाद पार्टी मुख्यालय, 24 अकबर रोड से गांधी स्मृति, 30 जनवरी मार्ग तक साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए ‘शांति मार्च’ निकालेंगे। इसमें कई वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया था। प्रदर्शनकारियों ने कई घरों, दुकानों तथा वाहनों में आग लगा दी और एक-दूसरे पर पथराव किया। इन घटनाओं में बुधवार तक कम से कम 20 लोगों की जान चली गई और करीब 200 लोग घायल हो गए।
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