बिना सिर के शरीर का क्या फायदा? कांग्रेस बीमार है और उसका इलाज करना चाहिए: शिवसेना
सामना ने लिखा कि इसी प्रकार जब कांग्रेस सत्ता में थी तब जितिन प्रसाद को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। हालांकि, वह बाद में बीजेपी में शामिल हो गए और उन्हें बीजेपी नीत उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया गया।
मुंबई: पंजाब में मचे राजनीतिक घमासान पर शिवसेना ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा है कि कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है। बिना सिर के शरीर का क्या फायदा? कांग्रेस बीमार है और उसका इलाज करना चाहिए। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर व्याप्त भ्रम पंजाब में राजनीतिक संकट के लिए उतना ही जिम्मेदार है, जितना कि बीजेपी। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने दावा किया कि हालांकि, राहुल गांधी कांग्रेस के समक्ष उत्पन्न मुद्दों का सामाधान करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पार्टी के पुराने नेताओं का उन्हें रोकने के लिए बीजेपी के साथ गुप्ता समझौता है और इसलिए वे पार्टी को डुबाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा, ‘‘कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है। बिना सिर के शरीर का क्या फायदा? कांग्रेस बीमार है और उसका इलाज करना चाहिए, लेकिन इलाज सही है या गलत उसकी समीक्षा की जानी चाहिये।’’ संपादकीय में शिवसेना ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी किले की मरम्मत करना चाहते हैं। किले का रंग-रोगन करने का प्रयास कर रहे हैं। सीलन, गड्ढों को भरना चाहते हैं, परंतु पुराने लोग राहुल गांधी को ऐसा करने नहीं दे रहे। राहुल गांधी को रोकने के लिए इन लोगों ने अंदर से बीजेपी जैसी पार्टी से हाथ मिला लिया है, ऐसा अब पक्का हो गया है। कांग्रेस को डुबाने की सुपारी कांग्रेसियों ने ही ली है यह मान्य है, परंतु कांग्रेस को स्थायी अध्यक्ष दो। पार्टी का सेनापति नहीं है तो लड़ें कैसे?’’
शिवसेना ने कहा, ‘‘पुराने प्रसिद्ध कांग्रेसियों की यह मांग भी गलत नहीं है। कांग्रेस पार्टी में नेता कौन है यह सवाल ही है। गांधी परिवार है, परंतु नेता कौन? अध्यक्ष कौन? इस बारे में भ्रम होगा, तो उसे दूर करना चाहिए।’’ गौरतलब है कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली शिवसेना कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी सरकार चला रही है। सामना ने लिखा है, ‘‘पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाकर राहुल गांधी ने एक जोरदार कदम बढ़ाया, उसे उनके प्रिय सिद्धू ने रोक दिया। कांग्रेस पार्टी में बकवास करनेवालों की कमी न होने के बावजूद सिद्धू जैसे बाहरी बकवास करनेवालों पर फाजिल विश्वास करने की आवश्यकता नहीं थी।’’
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और हाल में कांग्रेस से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन फालेरो की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा, ‘‘पंजाब में गड़बड़ी शुरू रहने के दौरान गोवा के लोकप्रिय कांग्रेसी लोग पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में चले गए। उनमें पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन फालेरो हैं। वैसे अमरिंदर, लुईजिन फालेरो आदि को पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री जैसा सर्वोच्च पद देने के बाद भी ये लोग कांग्रेस छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। यह बेशर्मी की हद है।’’
सामना ने लिखा कि इसी प्रकार जब कांग्रेस सत्ता में थी तब जितिन प्रसाद को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। हालांकि, वह बाद में बीजेपी में शामिल हो गए और उन्हें बीजेपी नीत उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया गया। शिवसेना ने कहा कि कई साल तक कांग्रेस देश की सत्ता में रही है और फिलहाल कुछ राज्यों में शासन कर रही है। हालांकि, बीजेपी के सत्ता में आने और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से पार्टी मुश्किल का सामना कर रही है।
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