नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की हाल की समीक्षा के लिए इकट्ठा हुए कांग्रेस नेता मंगलवार को आपस में भिड़ पड़े। कांग्रेस नेता आपस में तो भिड़े ही साथ में पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी और महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी भिड़ गए।
हार की समीक्षा के लिए कांग्रेस के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों के नेताओं को बुलाया गया था, बैठक दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज परिसर में हो रही थी, मिली जानकारी के मुताबिक पहले कांग्रेस नेता परिसर के अंदर आपस में भिड़े और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भी वहीं उनकी तू-तू मै-मैं हो गई।
कांग्रेस नेता सिर्फ परिसर के अंदर ही नहीं भिड़े बल्कि परिसर के बाहर भी एक दूसरे से भिड़ते दिखे और बैठक के बाद कैम्पस में जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार डॉली शर्मा के पिता और शहर कांग्रेस अध्यक्ष नरेंद्र भारद्वाज पार्टी के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष हरेंद्र कसाना के साथ उलझते देखे गए।
आज की समीक्षा बैठक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 10 जिले की थी। सिंधिया और राजबब्बर ने 10 जिले के प्रत्याशियों, पूर्व विधायक,पूर्व सांसदों और पदाधिकारियो की समीक्षा बैठक बुलाई थी। अगली बैठक 14 जून को लखनऊ में होगी।
कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश से बड़ी उम्मीदें थी और शायद उन्हीं उम्मीदों के दम पर पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था। लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन अबतक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भी अमेठी लोकसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा, सिर्फ सोनिया गांधी की राय बरेली सीट से ही पार्टी को संतोष करना पड़ा। कांग्रेस ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए अपने युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव का जिम्मा सौंपा था जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के कंधों पर डाली गई थी, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी को उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 1 सीट पर ही जीत मिल सकी।
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