कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद की ब्राह्मण पॉलिटिक्स, 'ब्रह्म चेतना संवाद' की शुरुआत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद का संगठन उत्तर प्रदेश में 'शोषण का शिकार' हो रहे ब्राह्मणों को एकजुट करने के लिए 'ब्रह्म चेतना संवाद' करेगा।
लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद का संगठन उत्तर प्रदेश में 'शोषण का शिकार' हो रहे ब्राह्मणों को एकजुट करने के लिए 'ब्रह्म चेतना संवाद' करेगा। प्रसाद ने इस सिलसिले में सोमवार को 'ब्राह्मण चेतना परिषद' के लेटर हेड से जारी बयान में यह घोषणा की है। इसमें उन्होंने कहा है कि परिषद ने निर्णय लिया है कि ‘ब्राह्मण चेतना संवाद’ कार्यक्रम के जरिए समाज के ज्यादा से ज्यादा लोगों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए हर जिले में संपर्क स्थापित किया जाए। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कार्यक्रम का कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह ‘ब्राह्मण चेतना परिषद’ के संरक्षक हैं और यह संगठन वर्ष 2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के वक्त गठित हुआ था। उस चुनाव के दौरान भी संगठन ने लखनऊ और कानपुर में ब्राह्मण सम्मेलन तथा बस्ती, प्रतापगढ़, अमेठी, इलाहाबाद में ब्राह्मण यात्राएं आयोजित की थीं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने दावा किया, ‘‘प्रदेश की कानून-व्यवस्था खराब है और उसका सबसे ज्यादा निशाना भी ब्राह्मण ही हो रहे हैं। सत्ताधारी ब्राह्मण तो मजे में हैं, लेकिन बाकी का शोषण हो रहा है। ब्रह्म चेतना संवाद कार्यक्रम का मकसद ब्राह्मणों से बात करना, उनकी दिक्कतों को समझना और उनके मुद्दे उठाना है।’’
प्रसाद ने एक सवाल पर कहा कि कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों के हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे आतंकवादी है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इस सवाल पर कि क्या यह कार्यक्रम शुरू करने से पहले कांग्रेस नेतृत्व से पूछा गया है, उन्होंने साफ किया कि वह कांग्रेस के नेता जरूर हैं लेकिन इस संवाद कार्यक्रम का उनकी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें जो ठीक लग रहा है, वह कर रहे हैं।
इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रसाद की इस पहल के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है लिहाजा वह उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। प्रसाद ने बयान में कहा है, ‘‘उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ब्राह्मणों को न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है। ब्राह्मण समाज ने कभी किसी दूसरे समाज के अधिकारों पर अतिक्रमण करने की कोशिश नहीं की लेकिन आज जब उसे अपने अधिकारों से वंचित किया जा रहा है तो उसे अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए आगे आना ही होगा।’’
बयान में आरोप लगाया गया, ‘‘वर्तमान सरकार में ब्राह्मण समाज के दर्जनों लोगों की हत्या हुई या उन पर जानलेवा हमले किए गए हैं। समाज के लोगों को न्याय नहीं मिला बल्कि विभिन्न मामलों में तो सरकार में शामिल लोगों ने उल्टे अन्याय करने वालों का ही संरक्षण किया, जिस कारण समाज के लोग प्रदेश में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब इस बात की जरूरत है कि आपसी सभी मतभेद भुलाकर खोए हुए गौरव को प्राप्त किया जाए।’’