'कांग्रेस हर जगह हार रही, फिर भी असत्य और आरोप की राजनीति कर रही है'- PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस हर जगह हार रही, फिर भी असत्य और आरोप की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को विस्तार की चिंता नहीं है, कांग्रेस नेता बार-बार असत्य बोलते हैं।
नई दिल्ली. मानूसन सत्र के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद की कार्यवाही से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के सांसदों की साथ बैठक की। पीएम ने इस बैठक में कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस हर जगह हार रही, फिर भी असत्य और आरोप की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सिकुड़ रही, उसे विस्तार की चिंता नहीं है, कांग्रेस नेता बार-बार असत्य बोलते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीजेपी सांसदों को बार-बार सच बोलना है, कांग्रेस के झूठे आरोपों का सच्चाई के साथ जवाब देना है।
कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई पर बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दिल्ली में 20 फीसदी फ्रंट लाइन वॉरियर्स भी अभी वैक्सीनेटेड नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि देश में वैक्सीन की कमी नहीं है, नकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। भाजपा के सांसदों से उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ भारत कैसे लड़ा और दुनिया में क्या स्थिति रही, उसके बारे में तुलनात्मक तौर पर बताएं। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सांसदों को संसद में उपस्थित रहने को कहा।
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, "प्रधानमंत्री ने विपक्ष के रवैये पर बहुत चिंता व्यक्त की। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि सदन में चर्चा हो और सार्थक चर्चा हो। इसके लिए विपक्षी दलों को चर्चा में भाग लेना चाहिए।"
जोशी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा, "दो सालों से देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। पूरी मानव जाति इससे प्रभावित हुई है लेकिन विपक्ष का रवैया बहुत गैर जिम्मेदाराना रहा है, खासकर कांग्रेस का।"
जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री से सभी सांसदों से कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजना का लाभ हर गरीब तक पहुंचाना सुनिश्चित करने को कहा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सोमवार को संसद का कामकाज बाधित हुआ था। यहां तक कि हंगामे के कारण प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद के सदस्यों का दोनों में से किसी सदन में परिचय नहीं करा पाए। बाद में उन्हें मंत्रियों की सूची को सदन के पटल पर रखना पड़ा।
एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि पेगासस मामले से सरकार का तनिक भी लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा, "यदि विपक्षी दल इस मुद्दे को उठाना चाहते हैं तो उसे नियमों के तहत उठा सकते हैं। सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री ने पहले ही इस बारे में (लोकसभा में) बयान दे दिया है।"