जम्मू: कांग्रेस के G-23 गुट के नेताओं ने गांधी परिवार के खिलाफ खुली मोर्चाबंदी कर दी है। जम्मू में G-23 के नेता एक मंच पर भगवा पगड़ी पहनकर जुटे। इस मंच से कांग्रेस के दिग्गजों ने अपने नेतृत्व पर सवाल उठाया है। इन लोगों ने कहा कि पार्टी को मजबूत करने को लिए जो भी बलिदान करना होगा हम करेंगे। जम्मू के इस कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर. मनीष तिवारी, और आनंद शर्मा भी शामिल हुए हैं। कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा से विदाई पर भी सवाल उठाया और कहा कि हम आजाद से आजाद नहीं होना चाहते थे पार्टी ने उनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा-सच्चाई ये है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिख रही है। अब इकट्ठा होकर हमें इसे मजबूत करना है।
'हममें से कोई खिड़की से नहीं आए'
वहीं आनंद शर्मा ने कहा कि हमसे कोई भी खिड़की से नहीं आए। उन्होंने कहा, 'सब दरवाजे से आए हैं। हमारी पहचान कांग्रेस की रही है और कांग्रेस भी हमारी पहचान है। ये अधिकार किसी की नहीं कि हमें कोई बताए कि कांग्रेस क्या है। यह हक किसी का नहीं है। हम बता सकते हैं कांग्रेस क्या है। हम बनाएंगे कांग्रेस को। पिछले 10 सालों में कांग्रेस कमजोर हुई है। दो भाई अलग-अलग मत रखते हों, तो इसका मतलब यह नहीं है कि घर टूट जाएगा। या भाई, भाई का दुश्मन हो जाता है, ऐसा तो नहीं हो जाता है। अगर कोई अपना मत न व्यक्त करे कि उसका कोई क्या मतलब न निकाल ले, फिर वह घर मजबूत नहीं रहता है।' मनीष तिवारी ने कहा कि तमाम राष्ट्रवादी सोच के लोगों को एक मंच पर आना होगा और उसमें आजाद साहब की भूमिका काफी बड़ी होगी।
'जम्मू- कश्मीर के मुद्दे पर सभी दोस्तों ने बोला'
वहीं, बैठक की शुरुआत में गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'पिछले 5-6 साल से इन सभी दोस्तों ने जम्मू-कश्मीर को लेकर, यहां की बेरोजगारी, राज्य का दर्जा छीनने, इंडस्ट्री को खत्म करने, शिक्षा और जीएसटी लागू करने के मुद्दे लेकर संसद में मुझसे कम नहीं बोला है। चाहे जम्मू हो या कश्मीर या लद्दाख, हम सभी धर्म, लोगों और जाति का सम्मान करते हैं। हर एक समान रूप से सभी का आदर करते हैं। यह हमारी ताकत है और इसे हम आगे भी जारी रखेंगे।' बता दें कि गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा कार्यकाल हाल ही में खत्म हुआ था।
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