नई दिल्ली/मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। मौजूदा राजनीतिक संकट के बीच अभी तक सूबे की अगली सरकार के गठन की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। कांग्रस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर होने वाली पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति की अहम बैठक में महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुल खड़गे ने कहा कि अभी शिवसेना को समर्थन देने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि शाम को 4 बजे महाराष्ट्र के बड़े नेताओं के साथ फिर बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
आज तय होगा महाराष्ट्र का राजनीतिक भविष्य
CWC की बैठक में कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के 44 में से 40 विधायक शिवसेना के साथ सरकार बनाने के पक्ष में हैं, और उन्होंने आलाकमान तक अपनी बात पहुंचा दी है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बादअब जल्द ही साफ हो जाएगा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन शिवसेना को समर्थन देगा या नहीं। सोनिया गांधी के आवास पर होने वाली इस बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, छगन भुजबल, हरीश रावत, केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल, मुकुल वासनिक, ए. के. एंटनी और कुमारी शैलजा जैसे कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक से पहले महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोरात ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अहमद पटेल से फोन पर बात कर उन्हें वर्तमान राजनीतिक हालात की जानकारी दी थी।
शिवसेना के साथ सरकार बनाने के पक्ष में चव्हाण
इससे पहले कांग्रेस ने रविवार को कहा था कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है। बीजेपी के राज्य में सरकार बनाने से इनकार के बाद कांग्रेस ने यह प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि पार्टी के नव-निर्वाचित विधायक राज्य में राजनीतिक रूख को लेकर आला-कमान से सलाह लेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम जयपुर में हैं। हम मुद्दे पर यहां चर्चा करेंगे और भविष्य के राजनीतिक रूख पर सलाह लेंगे। पार्टी राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है।’ चव्हाण ने कहा कि वह महाराष्ट्र में सरकार बनाने के पक्ष में हैं।
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