नई दिल्ली: कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बुधवार को कहा कि यदि कांग्रेस ने हाल ही में दो राज्यों में हुए चुनावों को कहीं अधिक उत्साह और मजबूती से लड़ा होता, तो पार्टी हरियाणा में सरकार बना सकती थी तथा महाराष्ट्र में और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी।
फोरन कॉरस्पान्डेन्ट क्लब (एफसीसी) में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता तिवारी ने कहा कि जब भी सत्ता की निरंकुशता बढ़ती है, इसकी सबसे पहली शिकार संस्थाएं होती हैं और पिछले महीने हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों ने यह प्रदर्शित किया कि लोकतंत्र में स्व-सुधार होना स्वाभाविक है। तिवारी ने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों ने यह अहम संदेश दिया है कि अर्थव्यवस्था ने देश के लोगों को तकलीफ पहुंचाना शुरू कर दिया है और यह उनकी चिंता थी।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम ज्यादा मजबूती के साथ चुनाव लड़ते तो हम हरियाणा में अपनी सरकार बना लेते और महाराष्ट्र में कहीं बेहतर प्रदर्शन करते। कांग्रेस को चुनाव और भी मजबूती तथा ऊर्जा से लड़ना चाहिए था।’’ कांग्रेस के 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव हारने का जिक्र करते हुए तिवारी ने कहा कि आत्म निरीक्षण करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आपातकाल एक विशेष समय और संदर्भ में लगाया गया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान ‘निरंकुश’ सरकार के साथ इसकी तुलना अनुचित है। इस सरकार में चीजें और बदतर हुई हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी के अधिकारियों के पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के घर घुसने वाले दृश्य ये संदेश देते हैं कि अब हम पर कानून का शासन नहीं चलेगा, बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की मर्जी चलेगी।
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