नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को बाहर से समर्थन दे सकती है। हालांकि, पार्टी सरकार में भले ही शामिल न हो, पर वह अपने लिए स्पीकर का पद मांग सकती है। वहीं, दूसरी तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वह शिवसेना को समर्थन देने का फैसला कांग्रेस के रुख को देखकर तय करेगी। पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि सूबे में तीनों पार्टियों के बिना सरकार नहीं बन सकती है।
CWC की बैठक में नहीं हो पाया फैसला
आपको बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर होने वाली पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति की अहम बैठक में शिवसेना को समर्थन देने को लेकर कोई फैसला नहीं पाया। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुल खड़गे ने कहा कि महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई और अब महाराष्ट्र के नेताओं के साथ चर्चा करके अंतिम फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शाम को 4 बजे महाराष्ट्र के बड़े नेताओं के साथ फिर बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। माना जा रहा है कि 4 बजे की बैठक में पार्टी शिवसेना को बाहर से समर्थन देने और अन्य बातों पर ही चर्चा करेगी। NCP भी कांग्रेस के फैसले के बाद अपना रुख साफ कर देगी।
शिवसेना के साथ सरकार बनाने के पक्ष में चव्हाण
इससे पहले कांग्रेस ने रविवार को कहा था कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है। बीजेपी के राज्य में सरकार बनाने से इनकार के बाद कांग्रेस ने यह प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि पार्टी के नव-निर्वाचित विधायक राज्य में राजनीतिक रूख को लेकर आला-कमान से सलाह लेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम जयपुर में हैं। हम मुद्दे पर यहां चर्चा करेंगे और भविष्य के राजनीतिक रूख पर सलाह लेंगे। पार्टी राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है।’ चव्हाण ने कहा कि वह महाराष्ट्र में सरकार बनाने के पक्ष में हैं। आपको बता दें कि राज्यपाल ने सरकार बनाने का दावा करने के लिए शिवसेना को आज शाम 7:30 तक का वक्त दिया है।
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