नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार से जम्मू एवं कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए संसद के चालू सत्र में एक विधेयक लाने का आग्रह किया है। उन्होंने पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राज्य में नजरबंदी में रखे गए सभी राजनीतिक नेताओं को रिहा करने की भी मांग की।
एक प्रमुख राजनीतिक कदम के तौर पर सरकार ने पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के लिए एक कानून बनाया गया।
राष्ट्रपति के संयुक्त अभिभाषण के जवाब में राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान मंगलवार को आजाद ने कहा, "जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए वर्तमान सत्र में ही विधेयक लाएं।"
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि सरकार अब अपनी गलती स्वीकार करेगी।" आजाद ने देश में सुरक्षा बलों की भूमिका का उल्लेख किया, लेकिन साथ ही कहा कि जब सीमावर्ती राज्य में तनाव होता है, तो आम आदमी ही सबसे पहले खामियाजा भुगतता है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ने दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन पर भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया और उनकी चिंताओं को दूर करने की अपील की। कांग्रेस नेता ने केंद्र के रवैये पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि सरकार के एक भी मंत्री ने अभी तक इस मुद्दे पर प्रदर्शनकारियों से बात तक नहीं की है।
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