कोलकाता: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि विपक्षी दलों के ‘महागठबंधन’ के लिए ‘संयुक्त नेतृत्व’ समय की जरुरत है और प्रधानमंत्री पद के लिए नेता के नाम की घोषणा चुनावों के बाद होगी। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष नायडू ने कहा कि चाहे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हों या राकांपा प्रमुख शरद पवार हो, कोई भी अकेले काम नहीं कर रहा है बल्कि सब एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
वह 19 जनवरी को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की विपक्षी महारैली में ना आने को लेकर तेलंगाना के अपने समकक्ष के. चंद्रशेखर राव पर बरसे और कार्यक्रम से उनकी गैर मौजूदगी को ‘‘नाटक’’ बताया। नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तीखा हमला बोला और उन्हें ‘‘प्रचार चाहने वाला प्रधानमंत्री बताया जो हमेशा नारे लगाता है और कभी काम नहीं करता।’’
मतपत्र प्रणाली को फिर से लाने की वकालत करते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हैकरों ने ‘‘साबित’’ किया है कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से छेड़छाड़ की जा सकती है। नायडू ने कहा कि ईवीएम लोकतंत्र के लिए ‘‘बड़ा खतरा’’ बन रही हैं और उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से ‘‘हैकरों’’ के दावों को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी।
गौरतलब है कि सैयद शुजा नामक शख्स ने सोमवार को लंदन में स्काइप के जरिए संवाददाता सम्मेलन किया और दावा किया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में ईवीएम हैक की गई थीं। उसने कहा कि अपनी टीम के कुछ सदस्यों की हत्या किए जाने के बाद वह भयभीत महसूस कर रहा था इसलिए 2014 में भारत से भाग आया था। उधर, चुनाव आयोग ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को इस स्वयंभू साइबर विशेषज्ञ के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है।
बता दें कि हैंकिग का दावा करने वाले सैयद शुज़ा के दावों की हर तरफ से पोल खुल रही है। शुज़ा ने अभी तक कोई सबूत सामने नहीं रखा है लेकिन कांग्रेस झिझकते हुए ही सही शुज़ा के दावों के सहारे सरकार को घेरने में लगी है। इस बीच इंडियन जर्निलिस्ट एसोसिएशन की तरफ से ट्वीट किया गया कि इस शख्स का एक भी दावा सही नहीं पाया गया। यानी खुद आयोजकों को हैकर की बात पर यकीन नहीं है।
उधर बीजेपी ने आरोप लगाया कि लंदन में हैकेथॉन का जो इवेंट ऑर्गनाइज हुआ वो कांग्रेस का पॉलिटिकल स्टंट था। लंदन की प्रेस कांफ्रेंस में कपिल सिब्बल भी थे और जब सवालों की बौछार तेज़ हुई तो मंगलवार को उन्होंने मान लिया कि लंदन में ईवीएम हैकेथॉन आयोजित करने वाले आशीष रे उनके दोस्त हैं और वो उनके बुलावे पर लंदन गए थे। सैयद शुज़ा के इतने झूठ सामने आने के बाद भी कपिल सिब्बल जांच की मांग करते रहे।
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