किसान कर्जमाफी की लिस्ट में विसंगतियां BJP सरकार की गड़बड़ियों का परिणाम: मध्य प्रदेश सरकार
मध्य प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए घपलों के कारण सहकारी बैंकों द्वारा जारी की गई ऋण माफी के पात्र किसानों की सूची में कई विसंगतियां सामने आ रही हैं।
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए घपलों के कारण सहकारी बैंकों द्वारा जारी की गई ऋण माफी के पात्र किसानों की सूची में कई विसंगतियां सामने आ रही हैं। प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने यहां पत्रकार वार्ता में कहा, ‘‘शिवराज सिंह की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में सहकारी क्षेत्र में बड़ा घोटाला हुआ है। प्रदेश के अनेक स्थानों पर ऋण माफी योजना का लाभ लेने के पात्र किसानों की सूचियों में विसंगतियां सामने आ रही हैं। इस प्रकार की शिकायतों के निराकरण के लिए हमने जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाए हैं।
पटवारी ने बताया कि विधायकों और मंत्रियों को समूचे प्रदेश से कई किसानों की शिकायतें मिल रही हैं। कई किसानों ने ऋण चुका दिया है, लेकिन ऋण माफी सूची में उनका भी नाम शामिल है तथा कई पात्र ऋणी किसानों का हितग्राही किसानों की सूची में नाम ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि किसान ऋण माफी योजना की सूची में विसंगतियां इसलिए सामने आ रही हैं क्योंकि भाजपा के कार्यकाल में सहकारी क्षेत्र की समितियों एवं बैंकों में बड़ी गड़बड़ियां की गई हैं।
पटवारी ने कहा, ‘‘हम इन गड़बड़ियों की जांच कराएंगे और दोषियों को सजा दी जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सहकारी क्षेत्र और बैकों में हुई गड़बड़ियों की जांच कराकर इसे जनता के सामने रखेगी। कांग्रेस नेता ने कहा कि अब तक किसान ऋण माफी योजना में प्रदेश के 35.10 लाख किसानों ने आवेदन किया है और यह संख्या बढ़कर 50-55 लाख होने की उम्मीद है। आवेदनों की जांच पांच फरवरी तक की जाएगी।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में कर्ज माफी योजना से संबंधित किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रदेश भर में जिलास्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं। यह चौबीसों घंटे काम करेंगे तथा दो दिन में किसानों की समस्या का निराकरण किया जाएगा।
वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया कि किसान ऋण माफी योजना में कांग्रेस सरकार किसानों की संख्या को बढ़ाचढ़ा कर बता रही है। प्रदेश भाजपा के उपाध्याक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, ‘‘कमलनाथ सरकार ऋण माफी में लाभान्वित होने वाले किसानों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए आंकड़ों की बाजीगरी कर रही है। सरकार द्वारा तय किए गए योग्य किसानों के मापदंडों के कारण अधिकतर किसान इस योजना से पहले ही बाहर हो चुके हैं।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों की हित में अनेक योजनाएं लागू की थीं ताकि किसानों को सही में फायदा मिल सके। जबकि प्रदेश सरकार की तरफ से बैंकों द्वारा जारी की गई सूचियों में वास्तव में कई विसंगतियां हैं।
प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 17 दिसंबर को पदभार ग्रहण करने के कुछ घंटों के बाद ही प्रदेश में किसानों के दो लाख रुपये तक कृषि ऋण माफ करने की घोषणा कर दी थी। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का यह एक प्रमुख वादा था। प्रदेश सरकार ने कहा कि किसान ऋण माफी योजना का फायदा किसानों को 22 फरवरी से मिलने लगेगा।