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Hindi News भारत राजनीति ‘शिवसेना की लड़ाई सच्चाई, न्याय अधिकारों के लिए, मुख्यमंत्री हमारा होगा’

‘शिवसेना की लड़ाई सच्चाई, न्याय अधिकारों के लिए, मुख्यमंत्री हमारा होगा’

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से ही होगा। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति बदल रही है और न्याय की खातिर लड़ाई में उनकी पार्टी की ही जीत होगी। 

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नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से ही होगा। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति बदल रही है और न्याय की खातिर लड़ाई में उनकी पार्टी की ही जीत होगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘महाराष्ट्र के बारे में फैसला महाराष्ट्र में ही लिया जाएगा, मुख्यमंत्री शिवसेना से ही होगा।’’ शिवसेना के राकांपा की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने की खबरों के बीच राउत ने कहा कि शरद पवार राज्य के अगले मुख्यमंत्री नहीं होंगे। 

मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान के चलते अब तक राज्य में सरकार का गठन नहीं हो पाया है। कल शाम में संजय राउत और रामदास कदम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले। मीटिंग के बाद संजय राउत ने कहा कि  शिवसेना की वजह से सरकार बनने में देरी नहीं हो रही है। जिसके पास बहुमत होगा वो सरकार बनाएगा। शिवसेना और बीजेपी की तकरार के बीच कांग्रेस और एनसीपी ने भी अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। 

सोमवार को शरद पवार ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद पवार ने मुख्यमंत्री बनने की किसी भी संभावना से इनकार कर दिया। ये पूछे जाने पर कि क्या एनसीपी, शिवसेना को समर्थन देने पर विचार कर रही है, पवार ने कहा, “शिवसेना की तरफ से किसी तरह का आश्वासन नहीं मिला है लेकिन भविष्य में क्या होगा वो इस बारे में कह नहीं सकते।“ 

शरद पवार ने भले ही पत्ते न खोले हों लेकिन उनकी पार्टी के नेता शिवसेना एनसीपी गठबंधन की ओर इशारा कर रहे हैं। एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने संकेत दिए कि उनसे गठबंधन से पहले शिवसेना को बीजेपी का दामन पूरी तरह से छोड़ना होगा।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम 24 अक्टूबर को ही घोषित हो गए थे जिसमें भगवा गठबंधन (भाजपा-शिवसेना) को 161 सीटें मिलीं जो 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 145 से कहीं अधिक है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटें, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं।

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