लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सिफारिश पर आज प्रदेश मंत्रिपरिषद के 8 मंत्रियों को पदमुक्त कर दिया, जिनमें पांच कैबिनेट और तीन राज्य मंत्री शामिल हैं। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर स्टाम्प तथा न्याय शुल्क पंजीयन एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह और पिछडा वर्ग कल्याण एवं विकलांग कल्याण मंत्री अंबिका चौधरी को मंत्री पद से पदमुक्त कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि वस्त्र एवं रेशम उद्योग मंत्री शिव कुमार बेरिया, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री नारद राय, प्राविधिक शिक्षा मंत्री शिवाकांत ओझा को भी पदमुक्त किया गया है। ये सभी कैबिनेट मंत्री थे। प्राविधिक शिक्षा राज्य मंत्री आलोक कुमार शाक्य, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह योगेश भइया तथा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भगवत शरण गंगवार का भी मंत्री पद छीन लिया गया है। पदमुक्त किये गये मंत्रियों के विभागों का कामकाज फिलहाल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव देखेंगे। राज्यपाल ने उनके विभागों का कार्य अतिरिक्त प्रभार के रूप में मुख्यमंत्री को आवंटित किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि 9 अन्य मंत्रियों के विभागों का कार्य अतिरिक्त प्रभार के रूप में मुख्यमंत्री को सौंपा गया है। ये मंत्री बिना विभाग के अपने पद पर बने रहेंगे, जिनमें प्रमुख रूप से स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन, उद्यान खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पारस नाथ यादव, बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी, खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया और माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली शामिल हैं।
समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद, परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, होमगार्ड्स मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी तथा सार्वजनिक उद्यम मंत्री इकबाल महमूद के विभागों का कार्य भी मुख्यमंत्री को सौंपा गया है। ये मंत्री भी बिना विभागों के अपने पद पर बने रहेंगे।
नये मंत्रियों को राज्यपाल नाईक 31 अक्टूबर को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। ताजा घटनाक्रम में आठ मंत्रियों को पदमुक्त किये जाने के बाद प्रदेश मंत्रिपरिषद में रिक्त पदों की संख्या बढ़कर 14 हो गयी है।
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