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LJP की असली पार्टी कौन है और नकली पार्टी कौन? अब चुनाव आयोग पहुंची यह लड़ाई

चिराग पासवान ने अपने गुट की तरफ से दिल्ली में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। इस बैठक में आए एलजेपी सदस्यों को चिराग पासवान ने शपथ दिलाई

<p>LJP पर चिराग के दावे का...- India TV Hindi Image Source : PTI (FILE PHOTO) LJP पर चिराग के दावे का आज बड़ा इम्तिहान, कार्यकारिणी की बैठक में दिखेगा किसमें कितना है दम?

नई दिल्ली: बिहार में सियासी हलचल तेज है। आज चिराग पासवान ने अपने गुट की तरफ से दिल्ली में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। इस बैठक में आए एलजेपी सदस्यों को चिराग पासवान ने शपथ दिलाई, ''मैं शपथ लेता हूं कि मैं आजीवन पार्टी के प्रति समर्पित रहूंगा तथा पार्टी के सिद्धांतों को आम लोगों तक पहुंचाने का काम करूंगा, मैं आजीवन दलितों पिछड़ों अल्पसंख्यकों और समाज के गरीब वर्ग के उत्थान के लिए संघर्ष करता रहूंगा, मैं कभी भी ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे मेरे दल को आघात लगे, मैं कभी भी पार्टी के झंडे को झुकने नहीं दूंगा, पार्टी नेतृत्व द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा मैं उसका पूर्ण रूपेण पालन करूंगा।''

एलजेपी की असली पार्टी कौन है और नकली पार्टी कौन, यह लड़ाई अब चुनाव आयोग पहुंच चुकी है, चुनाव आयोग को तय करना है कि चिराग पासवान तथा पशुपति पारस में से किसके धड़े को पार्टी के सिंबल का अधिकार दिया जाए। चुनाव आयोग दोनों पक्षों की सुनवाई करेगा। उससे पहले दोनों पक्षों की तरफ से शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है।

बता दें कि चिराग पासवान की इस बैठक से पहले पशुपति पारस ने पार्टी अध्यक्ष की हैसियत से पुरानी कार्यकारिणी भंग कर दी थी। एलजेपी की कार्यकारिणी में 12 स्टेट प्रेसिडेंट मिलाकर कुल 73 लोग सदस्य हैं।

चिराग का दावा था कि आज की बैठक में कम से कम 60 लोग शामिल होंगे जबकि पारस गुट के साथ सिर्फ दस लोग ही हैं इसलिए आज का दिन चाचा-भतीजे की इस जंग में निर्णायक होने वाला है। चिराग पासवान की ये पूरी कवायद एलजेपी पर अपना दावा बरकरार रखने के लिए है। चिराग 2019 में अध्यक्ष बने थे, इस पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने मुहर लगाई थी। पशुपति पारस जून 2021 में 5 सांसदों की बगावत के बाद अध्यक्ष बने लेकिन चिराग का दावा है कि मौजूदा अध्यक्ष की अनुमति के बिना कोई कार्यकारिणी की बैठक नहीं बुला सकता। पार्टी सिंबल और झंडे को लेकर चिराग और पशुपति गुट चुनाव आयोग को पत्र लिख चुका है।

पशुपति गुट का कहना है 6 सांसदों में से 5 सांसद उनके साथ हैं इसलिए बहुमत के आधार पर उनका गुट असली एलजेपी का प्रतिनिधित्व करता है। जवाब में चिराग का दावा है कोई भी दल सांसदों से नहीं बनता, बल्कि बाकी सदस्यों के समर्थन से बनता है। पांच सांसदों की बगावत के बाद पशुपति गुट लोक सभा स्पीकर से मिला और पार्टी में अपना बहुमत साबित किया। पशुपति और 5 सांसदों के आवेदन पर लोकसभा स्पीकर ने पशुपति पारस को सदन में एलजेपी का नेता बना दिया। चिराग का दावा है कि नेता पद से उन्हें हटाना असंवैधानिक है, 5 सांसदों के समर्थन से कोई पार्टी का संविधान नहीं बदल सकता।

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